मणिपुर में मैतेई संगठन के नेता अरम्बाई तेंगोल की गिरफ्तारी को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद रविवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही और प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी एवं इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। पुलिस ने यह जानकारी दी। इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में एहतियातन निषेधाज्ञा लागू की गई है तथा इन घाटी क्षेत्रों में वीसैट और वीपीएन सुविधाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। प्रदर्शनकारियों ने नेता की रिहाई की मांग करते हुए क्वाकीथेल और उरीपोक में सड़क के बीचों-बीच टायर और पुराना फर्नीचर जलाया।
राज्य की राजधानी में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच शनिवार रात झड़प हुई। गुस्साई भीड़ ने इंफाल पूर्वी जिले के खुरई लामलोंग में एक बस में आग लगा दी। सुरक्षाबलों ने यहां राजभवन से लगभग 200 मीटर दूर कंगला गेट के सामने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले इस्तेमाल किए। राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और केंद्रीय बलों के कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
अशांत पूर्वोत्तर राज्य में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था के गंभीर उल्लंघन, सार्वजनिक शांति बिगड़ने, दंगे या झगड़े होने और असामाजिक तत्त्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण मानव जीवन एवं संपत्तियों को गंभीर खतरा होने की सूचना दी है।’ जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 की उपधारा दो के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने तथा लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र या धारदार हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुलिस ने बताया कि थौबल और काकचिंग जिलों में भी इसी तरह के एहतियाती कदम उठाए गए हैं। इंफाल पूर्वी और बिष्णुपुर जिलों में बीएनएसएस की धारा 163 की उपधारा एक के तहत लोगों के शनिवार रात 10 बजे से अगला आदेश दिए जाने तक अपने घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है।