भारत का चिकित्सा पर्यटन साल 2025 में दो अंकों में वृद्धि कर सकता है। केंद्रीय बजट में वीजा प्रक्रियाओं में ढील देने के सरकार के ऐलान के बाद से प्रमुख अस्पतालों को अब मरीजों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आने से इस क्षेत्र में नरमी दर्ज की गई थी। बांग्लादेश से आने वाले मरीज भारत के कुल चिकित्सा पर्यटन में 50 से 60 फीसदी का योगदान देते हैं मगर पिछले साल वहां राजनीतिक संकट आने से इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई।
अप्रैल से सितंबर के दौरान प्रमुख अस्पतालों ने बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में करीब 25 से 40 फीसदी गिरावट के बारे में बताया। पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने पर वहां की सरकार गिरने के बाद से भारत सरकार बांग्लादेश से आने वालों को केवल आपातकालीन वीजा की मंजूरी दे रही थी।
अस्पताल और उद्योग के जानकारों का मानना है कि बजट में वीजा में ढील देने की घोषणा के बाद से अंतरराष्ट्रीय मरीजों की प्रमुख बाधाएं दूर हो जाएंगी और मेट्रो शहरों के अलावा छोटे-मझोले शहरों में भी इस क्षेत्र की वृद्धि हो सकेगी। फोर्टिस हेल्थकेयर में बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन अस्पताल श्रृंखला इस साल अंतरराष्ट्रीय कारोबार में कुल मिलाकर 15 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगा रहा है।
फोर्टिस हेल्थकेयर में मुख्य वृद्धि एवं नवोन्मेष अधिकारी रितु मित्तल गर्ग ने कहा, ‘हम अपने अंतरराष्ट्रीय मरीज आधार को बल देने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। इसमें मरीजों की सहायता के लिए सूचना केंद्र, विदेशी डॉक्टरों के लिए बेहतर प्रशिक्षण, मजबूत संस्थागत साझेदारी, अपनी डिजिटल पहुंच में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करना शामिल है। वीजा नियमों में ढील देने से हम 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’
एचसीजी हॉस्पिटल्स ने बीते वित्त वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय मरीज कारोबार में 15.5 फीसदी की वृद्धि हासिल की थी। अस्पताल इस वित्त वर्ष 2025 में 45 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। अस्पताल का दावा है कि उसके मुंबई क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, खासकर बांग्लादेश और पश्चिमी एशिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले साल अस्पताल का अंतरराष्ट्रीय रोगी राजस्व 13 करोड़ रुपये था, जो इस साल बढ़कर 20 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
एचसीजी हॉस्पिटल्स के क्षेत्रीय कारोबार प्रमुख (महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश) जॉर्ज एलेक्स ने कहा, ‘वीजा नियमों में ढील के अलावा हमें उम्मीद है कि इराक, मॉरीशस, तंजानिया, केन्या, बांग्लादेश और इथियोपिया जैसे देशों की सरकार के साथ हमारे गठजोड़ से आने वाले वर्षों में पर्याप्त वृद्धि होगी।’ उद्योग के अनुमान दर्शाते हैं कि साल 2024 में 7.69 अरब डॉलर मूल्य वाला भारत का चिकित्सा पर्यटन के साल 2025 में बढ़कर 8.71 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।