वर्ष 2024 की विश्व खुशहाली रिपोर्ट आ गई है। इसमें फिनलैंड लगातार सातवें वर्ष फिर सबसे खुशहाल देश बना है। दूसरी ओर, भारत को इस सूची में शामिल किए गए 143 देशों में 126वां स्थान मिला है। वार्षिक विश्व खुशहाली रिपोर्ट में सामाजिक सहयोग, आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण जैसे कारकों के आधार पर विश्व भर के 140 से अधिक दशों का आकलन कर रैंकिंग तैयार की जाती है। इसके लिए गैलप वर्ल्ड पोल समेत कई जगहों से आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं।
प्रति वर्ष 20 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय खुशहाली दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क, गैलप और ऑक्सफर्ड वेलबीइंग रिसर्च सेंटर का सहयोग लिया जाता है।
पिछले वर्ष की तरह ही नॉर्डिक देश इस साल भी खुशहाली सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं। नॉर्डिक देशों में स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड आदि शामिल हैं। डेनमार्क और आइसलैंड ने पिछले साल की तरह ही सूची में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है। स्वीडन चौथे नंबर पर है। खास बात यह कि कोस्टा रिका और लिथुआनिया पहली बार शीर्ष 20 देशों में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। खुशहाली में कोस्टा रिका 12वें और लिथुआनिया 19वें स्थान पर है। विशेष बात यह कि भीषण युद्ध में घिरा इजरायल इस सूची में 5वें नंबर पर है।
खुशहाली रैंकिंग में अफगानिस्तान इस साल भी सूची में सबसे निचले स्थान पर है। इसका मतलब यह कि यह देश पूरी दुनिया में सबसे कम खुशहाल है। इससे ऊपर लेबनान, लेसोथो, सियेरा लियोन और कोंगो जैसे देशों का नंबर हैं, जो बहुत कम खुशहाल हैं।
पिछले साल की तरह ही भारत इस वर्ष भी खुशहाली रैंकिंग में 126वें नंबर पर है। खास बात यह कि लगभग पड़ोसी देशों में चीन जहां इस सूची में 60वें नंबर पर है, वहीं नेपाल 93वें स्थान पर है। पाकिस्तान का नंबर 108वां है तो म्यांमार का 118वां। पड़ोसियों में श्रीलंका 128 और बांग्लादेश 129 रैंकिंग के साथ ही भारत से पिछड़े हैं।
इस रिपोर्ट में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच खुशहाली ट्रेंड को भी दर्शाया गया है। लिथुआनिया जहां 30 से कम आयु वर्ग में सबसे खुशहाल देश बन कर उभरा है वहीं डेनमार्क 60 साल से अधिक उम्र के वर्ग में शीर्ष पर है। रोचक बात यह कि खुशहाली की स्थिति में उम्र के हिसाब से बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नार्वे, स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों में अधिक आयु के लोग अधिक खुशहाल और प्रसन्न हैं, इसके बरक्स पुर्तगाल और यूनान में इस आयु वर्ग के लोग अधिक खुशहाल नहीं हैं।
इस सूची से चौंकाने वाली बात यह सामने आती है कि खासकर उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में बच्चों में खुशहाली का स्तर कम हो रहा है। ऑक्सफर्ड वेलबीइंग रिसर्च सेंटर के प्रो. जैन इमैनुअल डि नेव जोर देकर कहते हैं कि बच्चों में घटते खुशहाली स्तर से निपटने के लिए नीतियां बनाने की सख्त जरूरत है।