भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के मौजूदा गतिरोध को खत्म करने के लिए गुरुवार को अपनी कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा करेगा। IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि खेल मंत्रालय के महासंघ के सात मई को होने वाले चुनाव रोकने और देश की शीर्ष खेल संस्था को तदर्थ समिति का गठन करने तथा इसके गठन के 45 दिन के भीतर चुनाव कराने के लिए कहने के बाद ओलंपिक संघ ने जल्द से जल्द बैठक करने का फैसला किया। सरकारी निर्देशों के अनुसार तदर्थ समिति नई कार्यकारी समिति के चुनाव तक डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों का संचालन भी करेगी।
उषा ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार के खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय से मिलने पत्र को देखते हुए IOA मामले की गंभीरता को समझता है। हमारी 27 अप्रैल को होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक में डब्ल्यूएफआई में मौजूदा गतिरोध पर चर्चा होगी और कार्रवाई योग्य समाधान निकाला जाएगा। आईओए हमारे खिलाड़ियों और इसके खेल पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।’
इधर, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सोमवार को धमकी दी कि अगर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो वे सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे।
चुनाव रोकने और कार्यकारी समिति बनाने के लिएमंत्रालय का यह फैसला तब आया है जबकि तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवान रविवार को विरोध प्रदर्शन के लिए फिर से जंतर मंतर पहुंचे और सरकार से डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।
शीर्ष पहलवानों के बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न और धमकी के आरोपों के बाद मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के कामकाज को चलाने और मामले की जांच के लिए ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज एमसी मेरीकोम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था। खेल मंत्रालय ने सात मई को होने वाले भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों को सोमवार को रोक दिया और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से तदर्थ समिति का गठन करने को कहा जो अपने गठन के 45 दिन के भीतर चुनाव कराएगी और खेल संस्था का कामकाज भी देखेगी।