संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि 2024 में 500 से अधिक अफ़गान बच्चे बिना विस्फोट वाले हथियार और युद्ध के अवशेषों से होने वाले विस्फोटों के कारण मारे गए या घायल हो गए। इसके अलावा इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में यूनिसेफ ने 30 लाख बच्चों और उनके अभिभावकों को विस्फोटकों के खतरों को पहचानने और उनसे बचने के बारे में ट्रेनिंग दी गई है। 5 जनवरी को, यूनिसेफ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें बच्चों को विस्फोटक को पहचानने और उनसे बचने की ट्रेनिंग लेते हुए दिखाया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यूनिसेफ अफगानिस्तान ने कहा, “2024 में, 500 से अधिक बच्चे युद्ध के विस्फोटक या बिना विस्फोट वाले हथियार से मारे गए या गंभीर रूप से घायल हो गए। यूनिसेफ ने पिछले साल लगभग 3 मिलियन बच्चों और देखभाल करने वालों को विस्फोटक हथियार के जोखिमों के बारे में ट्रेनिंग दी, जिसमें उन्हें पहचानना, उनसे बचना और रिपोर्ट करना शामिल है।”
12 नवंबर को अफगानिस्तान में बारूदी सुरंग हटाने वाले संगठन HALO ट्रस्ट ने कहा कि अफगानिस्तान के 26 प्रांतों में 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन खतरनाक ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (IED) से प्रभावित है। संगठन ने अफगानिस्तान को दुनिया भर में चार सबसे अधिक बारूदी सुरंगों वाले देशों में से एक बताया। इसने कहा कि HALO अफगानिस्तान में 2,235 बारूदी सुरंग हटाने वाले कर्मियों के साथ काम करता है।
बता दें कि तालिबान ने पूर्व सरकार और विदेशी बलों को चोट पहुंचाने के लिए पूरे देश में सड़कों और खेतों पर बारूदी सुरंगें लगाई थीं। इसके चलते यह अब बच्चों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। इन जोखिमों को कम करने और आगे की हताहतों की संख्या को रोकने के लिए अतिरिक्त बारूदी सुरंग हटाने के अभियान और इसके बचने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है।
HALO ट्रस्ट का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफ़गानिस्तान में बारूदी सुरंग हटाने के प्रयासों के लिए अपना समर्थन बढ़ाना चाहिए।
पिछले सप्ताह, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा कि वह अफ़गानिस्तान में 14 मिलियन भूखे लोगों में से केवल सात मिलियन को ही सहायता दे सकता है, क्योंकि उसके पास फंड की कमी है।
2 जनवरी को एक्स पर शेयर की गई एक पोस्ट में, WFP में आपातकालीन विभाग की प्रमुख पॉलीन एलॉफ ने कहा कि खाद्य सहायता की आवश्यकता वाले प्रत्येक दो परिवारों में से संगठन केवल एक की ही मदद कर सकता है। इसने आगे कहा कि अफगानिस्तान के दूरदराज के इलाकों में कई परिवारों को सर्दी के मौसम में जीवित रहने के लिए खाद्य सहायता की जरूरत होगी।