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सभी देशों को मिले बराबरी का मौका, क्रेडिट रेटिंग सिस्टम में हो सुधार: वित्तमंत्री

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण स्पेन के सेविले शहर में आयोजित 'फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट' (FFD4) सम्मेलन में बोल रही थीं।

Last Updated- July 02, 2025 | 4:41 PM IST
nirmala sitharaman
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में सभी देशों को बराबरी का मौका देने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली और क्रेडिट रेटिंग सिस्टम में सुधार जरूरी है। वह स्पेन के सेविले शहर में आयोजित ‘फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट’ (FFD4) सम्मेलन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को विकासशील देशों की मदद के लिए जलवायु वित्त और आधिकारिक विकास सहायता (ODA) को बढ़ाना चाहिए।

सीतारमण ने कहा कि जलवायु से जुड़ी योजनाओं में गरीब और कमजोर देशों को मदद मिलनी चाहिए। इसके लिए फंड पूर्वानुमेय, सुलभ और रियायती होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत चाहता है कि वित्तीय संस्थाएं जैसे बहुपक्षीय विकास बैंक (MDBs) सभी के लिए न्यायपूर्ण और पारदर्शी हों। साथ ही, क्रेडिट रेटिंग सिस्टम में भी बदलाव होना चाहिए ताकि विकासशील देशों के साथ भेदभाव न हो।”

वित्त मंत्री ने कहा कि कई गरीब देश कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं, जो उनके विकास में बड़ी रुकावट है। उन्होंने बताया कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान एक ‘ग्लोबल संप्रभु ऋण गोलमेज सम्मेलन’ शुरू किया गया, जो कर्ज को लेकर पारदर्शिता और समान नियम तय करने में मदद कर रहा है।

सीतारमण ने कहा कि भारत ने टैक्स व्यवस्था में सुधार किए हैं और डिजिटल सिस्टम से टैक्स कलेक्शन बढ़ाया है। इससे लोगों की तकलीफें कम हुई हैं और देश की आय बढ़ी है। उन्होंने बताया कि भारत ने अवैध पैसों के लेन-देन को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी समर्थन दिया है।

सीतारमण ने बताया कि भारत ने अब तक 25 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) और नीतियों ने आम लोगों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

सीतारमण ने कहा कि दुनिया के कई सतत विकास लक्ष्य (SDGs) पीछे छूटते जा रहे हैं और विकासशील देशों को सालाना 4 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की जरूरत है। सिर्फ देश अपने स्तर पर कोशिश करें, इतना काफी नहीं है। हमें एक ऐसा वैश्विक वित्तीय ढांचा चाहिए जो सभी देशों की परिस्थितियों को समझे, उनके पास नीति बनाने की स्वतंत्रता हो और सभी को विकास का मौका मिले। 

वित्त मंत्री ने दुनिया को साफ संदेश दिया कि भारत अब वैश्विक मंच पर मजबूती से विकासशील देशों की आवाज़ उठा रहा है। अब जरूरत है कि दुनिया मिलकर एक न्यायपूर्ण, समावेशी और टिकाऊ विकास के लिए नई दिशा तय करे।

(एजेसी इनपुट के साथ)

First Published - July 1, 2025 | 6:12 PM IST

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