facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता यूनुस को बांग्लादेश की अदालत ने छह महीने जेल की सुनाई सजा, जुर्माना भी लगाया

नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को श्रम कानून और धन के दुरुपयोग से संबंधित कई आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।

Last Updated- January 01, 2024 | 8:13 PM IST
Radharaman Das, vice-president of ISKCON (KOLKATA), on Sunday termed the comments made by some leaders of political parties in Bangladesh as a “bundle of lies” and “worrisome”.

बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई। सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले हुए इस घटनाक्रम को यूनुस के समर्थकों ने ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ बताया है।

श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है।

न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।

फैसला सुनाए जाने के समय 83 वर्षीय यूनुस अदालत में मौजूद थे। न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे। ‘

बांग्लादेशी टका’ बांग्लादेश की मुद्रा है। फैसले के तुरंत बाद, यूनुस और तीन अन्य ने जमानत के लिए आवेदन किया। न्यायाधीश ने 5,000 टका के मुचलके के बदले उन्हें एक महीने की जमानत दे दी। कानून के तहत, यूनुस और तीन अन्य लोग फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं। यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है।

फैसले को ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे। पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था।

ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी, ग्रामीणफोन की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नोबेल पुरस्कार विजेता को श्रम कानून और धन के दुरुपयोग से संबंधित कई आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।

यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से अपने गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है। वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी।

अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था। श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था।

First Published - January 1, 2024 | 8:13 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट