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Bangladesh: पूर्व शीर्ष जनरल ने प्रधानमंत्री हसीना से सड़कों से सैनिकों को हटाने को कहा

पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की टिपप्णियां ऐसे समय में आई हैं, जब रविवार को बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।

Last Updated- August 04, 2024 | 7:50 PM IST
Nation's talk: Concerns of Bangladeshi Hindus and India's stance बांग्लादेशी हिंदुओं की चिंता और भारत का रुख

बांग्लादेशी सेना के पूर्व शीर्ष अधिकारियों के एक समूह ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली को लेकर देशभर में हिंसा की नयी घटनाओं के बीच रविवार को सरकार से सड़कों पर मौजूद सशस्त्र बलों को वापस बुलाने और उन्हें वापस बैरक में भेजने को कहा।

पूर्व सेना प्रमुख इकबाल करीम भुइयां ने कहा, “हम सरकार से मौजूदा संकट को हल करने के लिए राजनीतिक पहल करने का आग्रह करते हैं। हमारे सशस्त्र बलों को अपमानजनक अभियान में उलझाकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचाएं।” उन्होंने यहां एक बयान पढ़ते हुए कहा, ‘‘बांग्लादेशी सशस्त्र बलों ने कभी भी जनता का सामना नहीं किया या अपने नागरिकों की छाती पर बंदूकें नहीं तानी हैं।”

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार में सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल चुके भुइयां ने ढाका छावनी से सटे सेवानिवृत्त अधिकारियों के ‘आरएओडब्ल्यूए क्लब’ में दर्जनों पूर्व वरिष्ठ और मध्यम श्रेणी के सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में यह बयान पढ़ा। सेना के एक अन्य पूर्व प्रमुख जनरल नूरुद्दीन खान भी उन लोगों में से एक थे, जो साथी अधिकारियों के साथ इस संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए।

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वर्ष 1996-2001 के बीच शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहने के दौरान नूरद्दीन ने ऊर्जा मंत्री का पदभार संभाला था। बयान के मुताबिक, “सैनिकों को तुरंत बैरक में ले जाया जाए, ताकि वे किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार कर सकें, क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा में लगे सैनिकों को वापस अभियान की तैयारी करने में काफी समय लगता है।”

पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की टिपप्णियां ऐसे समय में आई हैं, जब रविवार को बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हिंसा में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गयी और सैकड़ों लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर विद्यार्थियों के आंदोलन द्वारा घोषित असहयोग आंदोलन के पहले दिन यह घटना हुई।

First Published - August 4, 2024 | 7:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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