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मालदीव की संप्रभुता का चीन पूरा समर्थन करता है: राष्ट्रपति मुइज्जू

मुइज्जू ने यह भी कहा था कि मालदीव और चीन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरी तरह से समर्थन करता है।

Last Updated- January 15, 2024 | 8:05 PM IST
Maldives president mohamed muizzu

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के साथ अपने देश के रणनीतिक संबंधों की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और बीजिंग हिंद महासागर में स्थित उनके द्विपीय देश की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मालदीव के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में आई असहजता के बीच मुइज्जू ने यह टिप्पणी की है।

राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आमंत्रण पर चीन की राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा कि चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में सहायता प्रदान की है। चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने हाल में संपन्न अपनी चीन यात्रा के दौरान मालदीव को बीजिंग के करीब लाने की कोशिश की और दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने की घोषणा की।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले गई है। चीन के सरकारी सीजीटीएन चैनल के साथ एक साक्षात्कार में मुइज्जू के हवाले से कहा गया था कि चीन ऐसा देश नहीं है जो मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा, यही कारण है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं।

मुइज्जू ने यह भी कहा था कि मालदीव और चीन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरी तरह से समर्थन करता है। राष्ट्रपति मुइज्जू के हवाले से सरकारी पीएसएम न्यूज ने कहा कि चीन और मालदीव के संबंध भविष्य में और अधिक मजबूत होंगे। मुइज्जू ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग नागरिकों के हितों को सबसे अधिक तरजीह देते हैं और उनके नेतृत्व में चीन की अर्थव्यवस्था नयी बुलंदियों पर पहुंच गई।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति शी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि चीन की सरकार लक्ष्य हासिल करने में मालदीव की मदद करेगी। मुइज्जू ने भारत से कहा है कि वह मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाए। उनकी यह टिप्पणी मालदीव सरकार के तीन उपमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर मालदीव और भारत के बीच उपजे विवाद के बीच आई है।

मुइज्जू ने इस सिलसिले में अपने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। इन मंत्रियों के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भारत में चिंता जतायी गई थी और भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव के बहिष्कार का आह्वान किया गया। मालदीव में पर्यटक संख्या के लिहाज से भारत पहले, रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है।

नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मालदीव में 88 भारतीय सैन्यकर्मी हैं जो दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान के संचालन में सहयोग प्रदान कर रहे हैं। पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने का अनुरोध किया था।

चीन से लौटने के बाद शनिवार को प्रेस से बातचीत में राष्ट्रपति मुइज्जू ने परोक्ष रूप से भारत पर हमला बोला था। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘‘भले हम छोटे (देश) हों, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।’’

उन्होंने भारत पर देश की निर्भरता को कम करने की योजनाओं की भी घोषणा की, जिसमें अन्य देशों से आवश्यक खाद्य वस्तुओं, दवाओं और उपभोग की अन्य सामग्रियों का आयात सुनिश्चित करना शामिल है। मुइज्जू ने वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हैं।’’

उन्होंने कहा कि किसी भी देश को किसी अन्य देश के घरेलू मामलों को प्रभावित करने का अधिकार नहीं है, चाहे उसका आकार कुछ भी हो। इस बीच, मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर ताइवान के मुद्दे पर चीन का मजबूती से समर्थन किया है।

चीन ताइवान को एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है जिसे मुख्य भूमि के साथ फिर से एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही यह काम बलपूर्वक करना पड़े।

ताइवान में शनिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में लाई चिंग-ते की जीत को ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश में जुटे चीन के लिए झटका माना जा रहा है। चिंग-ते की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी एकीकरण के मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने की वकालत करती है।

विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मालदीव एक-चीन सिद्धांत के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, जो चीन के साथ मालदीव के संबंधों का आधार है।’’

बयान में कहा गया है कि मालदीव किसी भी तरह की कार्रवाई या बयान का विरोध करता है जो चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करती है। इसमें यह भी कहा गया है कि मालदीव ‘स्वतंत्र ताइवान’ से जुड़ी सभी अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करेगा और ताइवान से किसी प्रकार का आधिकारिक संबंध नहीं रखेगा।

First Published - January 15, 2024 | 8:05 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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