facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Flesh-Eating Bacteria: जापान में मांस खाने वाले बैक्टीरिया का कहर, दुनियाभर में इसके फैलने को लेकर चिंता

Flesh-Eating Bacteria: इस साल अब तक लगभग 1,000 STSS संक्रमणों की सूचना मिली है, जो पिछले साल के कुल आंकड़ों को पार कर गया है।

Last Updated- June 17, 2024 | 10:47 PM IST
flesh-eating bacteria

कोविड-19 महामारी के बाद, मानवता अब एक नए खतरे का सामना कर रही है। यह है स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) नामक एक मांस खाने वाला बैक्टीरियल संक्रमण। यह गंभीर संक्रमण 48 घंटों के अंदर जानलेवा साबित हो सकता है। जापान के राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान के हाल के आंकड़े परेशान करने वाले हैं। इस साल अब तक लगभग 1,000 STSS संक्रमणों की सूचना मिली है, जो पिछले साल के कुल आंकड़ों को पार कर गया है।

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम क्या है?

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (GAS) बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है। यह बैक्टीरिया शरीर में जहरीले पदार्थ छोड़ता है, जिससे तेज सूजन बननी शुरू हो जाती है। इससे तेजी से टिश्यू का गलना, गंभीर दर्द और शॉक लगता है। यह संक्रमण तेजी से ब्लडस्ट्रीम में फैल सकता है, जिससे थोड़े ही समय में मल्टी-ऑर्गन फेलियर हो सकता है।

पिछले साल इस बीमारी से 97 लोगों की मौत हुई थी, जो छह सालों में दूसरी सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा है।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

टोक्यो वुमन मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केन किकुची ने इस बीमारी के तेजी से फैलने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “ज्यादातर मौतें शुरुआती लक्षणों के 48 घंटों के अंदर होती हैं।” मामलों में हालिया वृद्धि कोविड-19 के बाद कमजोर हो चुकी रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी हो सकती है।

किकुची ने जापानी पब्लिक ब्रॉडकास्टर NHK को बताया, “अगर हम लगातार बैक्टीरिया के संपर्क में रहते हैं तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लेकिन कोरोनावायरस महामारी के दौरान यह प्रक्रिया रुक गई थी।” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए अब ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आने की संभावना रखते हैं, और यही मामलों में तेजी से वृद्धि का एक कारण हो सकता है।”

क्या दुनियाभर में खतरा है?

हालांकि अभी तक यह बीमारी सिर्फ जापान में ही ज्यादा फैली है, लेकिन यात्रा के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके फैलने की चिंता है। अच्छी स्वच्छता और चोटों का तुरंत इलाज जैसे निवारक उपाय महत्वपूर्ण हैं। तेज दर्द, तेज बुखार और घाव वाली जगह पर लालिमा जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

इस खतरनाक संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय, जिसमें निगरानी और नए मामलों पर त्वरित प्रतिक्रिया शामिल है, बहुत जरूरी हैं।

जापान में क्या हो रहा है?

जापानी स्वास्थ्य अधिकारी इस स्थिति पर सक्रिय रूप से नजर रख रहे हैं और STSS के प्रसार को रोकने के प्रयासों को तेज कर रहे हैं। जन जागरूकता अभियान लोगों को लक्षणों और बीमारी की गंभीरता के बारे में शिक्षित कर रहे हैं, और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा देखभाल की वकालत कर रहे हैं। अस्पताल STSS के मामलों का शीघ्र निदान और इलाज करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं, साथ ही साथ बेहतर स्वच्छता प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहे हैं।

क्या यह सिर्फ जापान की समस्या है?

जापान ही ऐसा देश नहीं है जहां पर ये बीमारी फैल रही है। दिसंबर 2022 में, यूरोप के पांच देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को इनवेसिव ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (iGAS) संक्रमणों में वृद्धि की सूचना दी थी। ये संक्रमण खासकर 10 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहे थे।

उसी दौरान अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने भी संभावित रूप से बढ़ते मामलों की जांच की थी। मार्च तक, जापानी अधिकारियों ने STSS मामलों में वृद्धि के बारे में चेतावनी जारी कर दी थी। जोखिम आकलन से पता चला है कि जुलाई 2023 से खासकर 50 साल से कम उम्र के लोगों में इनवेसिव ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (iGAS) के कारण होने वाले संक्रमणों में वृद्धि हुई है।

अमेरिका का रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) इस बात पर प्रकाश डालता है कि खुले घाव वाले बुजुर्ग लोग, जिनमें हाल ही में सर्जरी कराने वाले मरीज भी शामिल हैं, उन्हें STSS होने का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि, इस साल मामलों में अचानक तेजी से वृद्धि का सटीक कारण अभी भी अस्पष्ट है। सीडीसी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि, “विशेषज्ञों को यह नहीं पता कि करीब आधे मरीजों में बैक्टीरिया शरीर में कैसे प्रवेश कर गया।”

First Published - June 17, 2024 | 10:20 PM IST

संबंधित पोस्ट