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कानूनी कार्रवाई चाह रहा गा​म्बिया

Last Updated- December 22, 2022 | 12:01 AM IST
Testing is necessary in government lab before export of cough syrup

भारतीय दवा कंपनी मेडन फार्मा की तरफ से विनिर्मित कफ सीरप का मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है। बीबीसी के मुताबिक, गा​म्बिया की संसदीय समिति ने पश्चिमी अफ्रीकी देश में कम से कम 70 बच्चों की मौत का कारण बनी संदिग्ध सीरप की भारतीय विनिर्माता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है। इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से टिप्पणी नहीं मिल पाई। मेडन फार्मा से भी इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं मिली।

वैश्विक मीडिया ने खबर दी है कि हफ्तों की जांच के बाद गा​म्बिया की संसदीय समिति ने अब फैसला लिया है कि दवा कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाए, जिसमें देश में मेडन फार्मा की सभी दवाओं पर पाबंदी शामिल है। साथ ही कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।

तथ्य बताते हैं कि जांच के घेरे वाली चार कफ सिरप में डाईथिलीन ग्लाइकॉल व एथिलिन ग्लाइकॉल मिले हुए थे। यह भारतीय नियामक के उन तथ्यों से उलट है, जो नियामक ने मेडन फार्मा के सोनीपत प्लांट में कफ सिरप के नमूने की जांच में पाया था।

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दवा नियंत्रक महानिदेशक वी जी सोमानी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पत्र लिखकर कहा था कि जांच के दायरे वाले मेडन फार्मा के चार कफ सिरप के नमूने जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला भेजे गए थे, जो मानकों के अनुपालन वाले पाए गए। भारतीय नियामक ने कहा था कि इन उत्पादों में डाईथिलीन ग्लाइकॉल व एथिलिन ग्लाइकॉल नहीं पाए गए, लिहाजा ये उत्पाद इन चीजों से दूषित नहीं हैं।

First Published - December 21, 2022 | 10:43 PM IST

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