जर्मनी ने ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा को अपनाने की पहले बनाई गई अपनी योजना के तहत बाकी बचे तीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र को शनिवार को बंद कर दिया।
आधीरात से पहले एम्सलैंड, नेकरवेस्टइम टू और इसर टू प्लांट को बंद कर दिया गया। इससे पहले दिन में तीनों प्लांट के बाहर और बर्लिंन तथा म्युनिख में परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं और जश्न मनाया।
पहले इन परमाणु केंद्रों को बंद करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2022 थी लेकिन यूक्रेन में जंग के कारण ऊर्जा की कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुये जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने इन्हें बंद करने की मियाद 15 अप्रैल तक बढ़ाने पर सहमति दे दी थी।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2022 की समयसीमा 2011 में तय की गई थी और उस वक्त एंजेला मर्केल चासंलर थीं। जर्मनी की सरकार ने माना है कि थोड़े वक्त के लिए देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला और प्राकृतिक गैस पर निर्भर रहना होगा। हालांकि इसने सौर और पवन से बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।