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भारत और ग्रीस के बीच होंगे अहम करार, PM किरियाकस मित्सोताकिस दो दिनों की यात्रा पर पहुंचे नई दिल्ली

ग्रीस में सब्जियों, फल, जैतून के तेल और दूध जैसे घरेलू उत्पादन के लिए कम से कम 70,000 श्रमिकों की दरकार है और वहां श्रमिकों की भारी कमी है।

Last Updated- February 21, 2024 | 11:34 PM IST
Important agreements will be signed between India and Greece, PM Kyriakas Mitsotakis reached New Delhi on a two-day visit भारत और ग्रीस के बीच होंगे अहम करार, PM किरियाकस मित्सोताकिस दो दिनों की यात्रा पर पहुंचे नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकस मित्सोताकिस ने बुधवार को संयुक्त रूप से जारी किए गए प्रेस वक्तव्य में कहा कि दोनों देश प्रवासन और आवागमन से जुड़े प्रस्तावित समझौते को जल्द अंतिम रूप देने के लिए काम करेंगे। यह समझौता, अन्य यूरोपीय साझेदारों के साथ हुए समान समझौतों के अनुरूप है और उम्मीद है कि इससे भारत के कुशल श्रमिकों का ग्रीस में जाना आसान हो जाएगा।

मोदी ने मित्सोताकिस के साथ बैठक के बाद कहा, ‘हमने दोनों देशों के बीच प्रवासन और आवागमन साझेदारी समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने पर चर्चा की। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।’ मित्सोताकिस दो दिनों की राजकीय यात्रा पर भारत में हैं।

दिसंबर 2023 में बिज़नेस स्टैंडर्ड में यह खबर प्रकाशित हुई थी कि ग्रीस ने 10,000 मौसमी कृषि श्रमिकों को बुलाने के लिए भारत से संपर्क किया है जबकि इटली ने अपने खाली हो रहे शहरों में नगरपालिका से जुड़े काम कराने के लिए श्रमिकों की मांग की है।

ग्रीस में सब्जियों, फल, जैतून के तेल और दूध जैसे घरेलू उत्पादन के लिए कम से कम 70,000 श्रमिकों की दरकार है और वहां श्रमिकों की भारी कमी है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रीस में करीब 12,300 भारतीय रहते हैं।

एथेंस में मौजूद भारतीय दूतावास के अनुसार, इन भारतीयों में से ज्यादातर पंजाब से हैं और वे खेत, कारखाने या निर्माण से जुड़े कार्यों के लिए बतौर श्रमिक काम करते हैं।छह महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी एथेंस की यात्रा पर गए थे जिस दौरान भारत-ग्रीस संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने दवा, मेडिकल उपकरणों, प्रौद्योगिकी, नवाचार, कौशल विकास और अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।’

उन्होंने दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया। दोनों देशों ने अगले साल भारत और ग्रीस के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का फैसला किया है।

भारत और ग्रीस ने रक्षा के लिए एक कार्य समूह भी स्थापित किया है। दोनों देशों के बीच रक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी और समुद्री सुरक्षा जैसी सामान्य चुनौतियों पर आपसी समन्वय बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। मोदी ने कहा, ‘दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने पर सहमति बनी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों की समान चिंताएं और प्राथमिकताएं हैं। हमने इस क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत बनाने के बारे में विस्तार से चर्चा की है।’

पिछले साल, दोनों देशों ने मिलकर ग्रीस में अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया था। इस बीच, ग्रीस के वायु सेना प्रमुख ने जून 2023 में भारत का दौरा किया और यहां के सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री ने ग्रीस से भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनने का भी पुरजोर आग्रह किया। मोदी ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान शुरू किया गया आईएमईसी दीर्घावधि में मानवता के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि ग्रीस भी इस पहल में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार बन सकता है।

भारत पर जोर

मित्सोताकिस बुधवार को एक वार्षिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग के नौवें संस्करण में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता भी थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के साथ साझेदारी मजबूत करना यूरोप और ग्रीस की विदेश नीति का प्रमुख आधार बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले कुछ वर्षों में उस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अच्छी प्रगति की है, लेकिन हमें अभी और आगे जाना है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत का दर्जा, यूरोपीय संघ के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों में नजर आता है। ग्रीस, अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक निकटता के चलते, भारत और यूरोप, विकसित देश और विकासशील देश और पूर्व तथा पश्चिम के बीच एक मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकता है।’

मित्सोताकिस ने इस बात पर जोर दिया कि उनका देश आईएमईसी का स्वागत करता है और उन्होंने यह तर्क भी दिया कि यह गलियारा न केवल एक आर्थिक समाधान के रूप में बल्कि शांति-सौहार्द परियोजना के रूप में भी बड़ी संभावनाएं दिखा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘हम (ग्रीस) यूरोप और उसके बाहर आपके प्राकृतिक प्रवेश द्वार हैं। गाजा में युद्ध और पश्चिम एशिया में उथल-पुथल निस्संदेह अस्थिर है, लेकिन यह आईएमईसी के पीछे के शक्तिशाली तर्क को कमजोर नहीं करता है।’ मित्सोताकिस की यात्रा 15 साल बाद ग्रीस के किसी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख की पहली यात्रा है।

First Published - February 21, 2024 | 11:25 PM IST

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