चीन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी ताजा दौर की वार्ता में सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित ‘प्रासंगिक मुद्दों’ को ‘तेजी’ से हल करने को सहमत हुए हैं।
चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 18वां दौर 23 अप्रैल को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुआ। शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 27 तथा 28 अप्रैल को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की भारत यात्रा से पहले वार्ता आयोजित की गई।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बयान में कहा, ‘ प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच दोस्ताना व स्पष्ट बातचीत हुई।’ बयान के अनुसार, ‘दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर दोनों पक्ष सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क तथा संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को गति देने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को पेइचिंग में पत्रकारों को बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर गहन चर्चा की। निंग ने कहा, ‘दोनों देशों के नेताओं की आम समझ के अनुसार, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने को लेकर गहन चर्चा की।
संबंधित अधिकारी ही इस पर विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।’ विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर व गहन चर्चा की। बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्ष सैन्य व राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालने की दिशा में काम करने को सहमत हुए। ’
चीन ने मंगलवार को कहा कि रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27 अप्रैल से एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए इस सप्ताह भारत का दौरा करेंगे। दौरे के दौरान ली की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ वार्ता होने की उम्मीद है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनावपूर्ण गतिरोध के बीच हो रही है।