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भारत ने WTO में निवेश सुविधा प्रस्ताव पर बातचीत का किया विरोध, कहा- संगठन की जिम्मेदारी से बाहर है ये एजेंडा

भारतीय प्रतिनिधिमंडल के बयान के अनुसार, डब्ल्यूटीओ आम परिषद की 13-15 दिसंबर के दौरान आयोजित बैठक में निवेश पर बातचीत विश्व व्यापार संगठन से कतई संबंधित नहीं है।

Last Updated- December 22, 2023 | 8:17 PM IST
India appealed against the decision of WTO's Trade Dispute Settlement Committee

भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में निवेश सुविधा पर कुछ देशों के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के प्रयासों का पुरजोर विरोध किया है। उसने कहा कि एजेंडा डब्ल्यूटीओ को मिली जिम्मेदारी से बाहर है और औपचारिक बैठकों में इसपर विचार-विमर्श नहीं किया जा सकता है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल के बयान के अनुसार, डब्ल्यूटीओ आम परिषद की 13-15 दिसंबर के दौरान आयोजित बैठक में निवेश पर बातचीत विश्व व्यापार संगठन से कतई संबंधित नहीं है।

बयान में कहा गया है, ‘‘मैं यह दोहराना चाहूंगा कि निवेश को सुगम बनाने से जुड़ा विकास के लिए निवेश सुविधा (आईएफडी) बहुपक्षीय व्यापार संबंधों से संबंधित नहीं है। निवेश अपने आप में व्यापार नहीं है।’’

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि निवेश में परिसंपत्तियों या उद्यमों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। यह अलग बाध्यता का मामला है। बयान में कहा गया, ‘‘डब्ल्यूटीओ को जो जिम्मेदारी मिली है, उसके तहत निवेश का मामला उठाना उपयुक्त नहीं है। विकास के लिए निवेश सुविधा के इच्छुक सदस्यों को आम सहमति पर बहुपक्षीय मंच पर इसे आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं है।’’

इसमें कहा गया है कि कुछ सदस्यों ने एक अनौपचारिक प्रक्रिया शुरू की थी जो विधि सम्मत नहीं है। और अब अनौपचारिक प्रक्रिया के अंत में, वे परिणाम की तलाश में आम सहमति पर आ गए हैं।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘डब्ल्यूटीओ में इससे अधिक हास्यास्पद क्या हो सकता है। यह वास्तव में अनिवार्य मुद्दों पर आम सहमित आधारित बातचीत शुरू करने के सदस्यों के संधि के तहत मिले अधिकार का उल्लंघन है…।’’

मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) के बाद सामान्य परिषद डब्ल्यूटीओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है। इसकी बैठक दो साल में एक बार होती है। डब्ल्यूटीओ का 13वां मंत्रीस्तरीय सम्मेलन अगले साल फरवरी में 26 से 29 फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में होना है। जो सदस्य देश निवेश प्रस्ताव को आगे बढ़ा रहे हैं, उसमें चिली और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।

भारत ने इससे पहले भी निवेश सुविधा से संबंधित मुद्दों को डब्ल्यूटीओ के दायरे में लाने पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि ये द्विपक्षीय मामले हैं और बहुपक्षीय मंचों पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है।

First Published - December 22, 2023 | 8:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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