facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

चीन के साथ कारोबार के दरवाजे बंद नहीं : जयशंकर

भारत ने उसके बाद से चीनी कंपनियों के निवेश पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी थी, जिससे कई बड़ी परियोजनाएं प्रभावित हुई थीं।

Last Updated- September 10, 2024 | 11:00 PM IST
The doors of trade with China are not closed: Jaishankar चीन के साथ कारोबार के दरवाजे बंद नहीं : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में एक बयान में कहा कि भारत ने चीन के साथ व्यापार बंद नहीं किया है, लेकिन मुद्दा यह है कि चीन के साथ किन क्षेत्रों में और किन-किन शर्तों पर व्यापारिक साझेदारी की जाए। दोनों देशों के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई है। उस समय सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 तथा चीन के 4 सैनिक मारे गए थे।

भारत ने उसके बाद से चीनी कंपनियों के निवेश पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी थी, जिससे कई बड़ी परियोजनाएं प्रभावित हुई थीं। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इस बात की वकालत की थी कि देश में और अधिक निवेश को मंजूरी दी जानी चाहिए।

बीते जुलाई में जारी ताजा वार्षिक आर्थिक समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि अपने वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत या तो चीन की सप्लाई चेन के साथ साझेदारी में काम करे अथवा चीन से आने वाले निवेश को बढ़ाए। बर्लिन में एक कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, ‘हम चीन से कारोबार बंद नहीं कर रहे हैं। मेरा मानना है कि मुद्दा यह है कि किन क्षेत्रों और किन शर्तों पर यह कारोबार हो।’

रूस-यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी, भारत सलाह देने को इच्छुक

युद्ध के मैदान में यूक्रेन संघर्ष का समाधान नहीं हो सकने का दावा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी और यदि वे सलाह चाहते हैं तो भारत सलाह देने का सदैव इच्छुक है।

जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। एक दिन पहले उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ ‘सार्थक वार्ता’ की थी।

उन्होंने कहा, ‘ हमें नहीं लगता है कि इस संघर्ष का युद्ध के मैदान में हल होने वाला है। कहीं न कहीं, कुछ बातचीत तो होगी ही। जब कोई बातचीत होगी, तो मुख्य पक्षों – रूस और यूक्रेन – को उस बातचीत में शामिल होना ही होगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस एवं यूक्रेन यात्राओं का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नेता ने मॉस्को और कीव में कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता है कि आपको रणभूमि में कोई समाधान मिलने जा रहा है। हमारा मानना है कि आपको बातचीत करनी होगी, यदि आप सलाह चाहते हैं तो हम उसे देने के लिए सदैव इच्छुक हैं।’

First Published - September 10, 2024 | 11:00 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट