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Myanmar Earthquake: भूकंप का कहर! 1000 से ज्यादा मौतें, भारत-UN ने बढ़ाया मदद का हाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा पर चिंता जताते हुए कहा कि "भारत हर संभव सहायता देने को तैयार है" और संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।

Last Updated- March 29, 2025 | 1:22 PM IST
Myanmar Earthquake
Myanmar earthquake visuals (PC: Reuters)

Myanmar Earthquake Updates: म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 2,376 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

भूकंप का असर पड़ोसी देशों में भी देखने को मिला। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत गिर गई, जिसमें कम से कम छह लोगों की जान चली गई।

Tremors from an earthquake felt in Bangkok

म्यांमार की सत्ता पर काबिज सैन्य नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने दुर्लभ रूप से अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है। सरकारी ब्रॉडकास्टर एमआरटीवी पर दिए गए वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “मैंने राहत कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता मांगी है और AHA सेंटर व भारत से सहायता प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है।”

भारत समेत कई देशों ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

म्यांमार और थाईलैंड में आए भीषण भूकंप के बाद कई देशों ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। इसमें टेंट, कंबल, खाना, पानी साफ करने की मशीनें और दवाइयां शामिल हैं। एक C130J विमान के जरिए यह सामान यांगून पहुंचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही दो और भारतीय वायुसेना के विमान राहत सामग्री लेकर रवाना होंगे।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘X’ पर जानकारी दी कि “#OperationBrahma शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप यांगून एयरपोर्ट पर पहुंच गई है।”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा पर चिंता जताते हुए कहा कि “भारत हर संभव सहायता देने को तैयार है” और संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा, मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह रविवार को 50 सदस्यों की एक टीम भेजेगा जो सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में जाकर राहत और पहचान का काम करेगी।

संयुक्त राष्ट्र ने भी राहत कार्यों की शुरुआत के लिए 5 मिलियन डॉलर की सहायता राशि जारी की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका भी राहत प्रयासों में मदद करेगा। वहीं, रूस की आपातकालीन मंत्रालय ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री के साथ दो विमान म्यांमार भेजे हैं। यह जानकारी रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास ने दी है।

न्यूज़ीलैंड ने भी भूकंप राहत के लिए 20 लाख न्यूज़ीलैंड डॉलर (लगभग 8.8 लाख पाउंड) की मदद का ऐलान किया है। यह राशि इंटरनेशनल रेड क्रॉस के जरिए जरूरी सामान और चिकित्सा सहायता के लिए दी जाएगी। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वे मानवीय हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

ऑस्ट्रेलिया ने भी प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता जताई है और कहा है कि वह मानवीय हालात की निगरानी कर रहा है। दोनों देशों ने बीबीसी को बताया कि उनके किसी भी नागरिक के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

म्यांमार में आए भयंकर भूकंप ने कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। करीब 15 लाख की आबादी वाला मांडले शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां सड़कों में दरारें पड़ गई हैं, कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं और बिजली के खंभे भी गिर गए हैं।

ऐतिहासिक फाया ताउंग मठ में भिक्षु मलबे में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए बचावकर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं।

इस भूकंप के झटके चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों तक भी महसूस किए गए। रुईली में इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि मंगशी में झटके इतने तेज थे कि लोगों का खड़ा रहना मुश्किल हो गया।

म्यांमार के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जानकारी दी है कि रात 11:56 बजे स्थानीय समय पर 4.2 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी आया, जिससे और नुकसान का डर बढ़ गया है।

म्यांमार में भूकंप त्रासदी पर दुनियाभर से प्रार्थनाएं, राहत कार्य जारी

म्यांमार में आए भयंकर भूकंप को लेकर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं और प्रार्थनाएं सामने आ रही हैं। पोप फ्रांसिस, जो डबल न्यूमोनिया के चलते हाल ही में पांच हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहे, ने पीड़ितों के लिए प्रार्थना की है। वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “पोप को म्यांमार में आए इस भीषण आपदा की जानकारी दी गई है। वह इस दुखद स्थिति और म्यांमार के साथ-साथ थाईलैंड के पीड़ितों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि यह भूकंप ऐसे समय पर आया है जब म्यांमार पहले से ही बड़े पैमाने पर विस्थापन और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। संगठन ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों की वजह से मानवीय मदद में भारी कमी आई है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।

भूकंप के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है और कई जगहों पर झटके महसूस किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं। टूटी सड़कों और खराब हो चुके संचार नेटवर्क की वजह से राहत कार्यों में देरी हो रही है। हजारों लोगों को तत्काल आश्रय, इलाज और खाने की जरूरत है।

First Published - March 29, 2025 | 1:22 PM IST

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