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ओपन सोर्स एआई की दरकार

इसी साल जनवरी में चीन की कंपनी डीपसीक ने अपने नवीनतम आधारभूत मॉडल आर1 का ओपन-सोर्स मॉडल जारी किया था।

Last Updated- February 11, 2025 | 10:42 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तकनीकी विकास की तेज रफ्तार के कारण आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) दुनिया के वि​भिन्न देशों में राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज को एक नया आकार दे रहा है।
पेरिस एआई शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। मगर यह मानव इतिहास के अन्य प्रौद्योगिकी पड़ावों से बहुत अलग है। एआई अभूतपूर्व गति एवं पैमाने के साथ विकसित हो रहा है और उससे भी अ​धिक तेजी से इसे अपनाया जा रहा है।’ भारत फ्रांस के साथ इस एआई शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर के देशों को एआई पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि एआई के विकास संबंधी नीतियों और मानकों में सभी देशों के साझा मूल्यों की झलक मिले। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी के कारण पैदा होने वाले जोखिमों से निपटने पर ध्यान रहे और सभी हितधारकों के बीच भरोसा कायम हो।
मोदी ने कहा कि एआई को संचालित करने और इस प्रौद्योगिकी को विनियमित करने वाला कानून केवल जोखिमों और प्रतिस्पर्धा से निपटने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। उसमें नवाचार को बढ़ावा देने और दुनिया की भलाई के लिए एआई के इस्तेमाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें नवाचार के साथ एआई के कामकाज के बारे में भी गहराई से विचार करना चाहिए और इस पर खुलकर चर्चा की जानी चाहिए। एआई की पहुंच सभी तक हो और विशेष रूप से विकासशील देशों को भी इसका लाभ मिले क्योंकि कंप्यूटिंग हो या बिजली, प्रतिभा हो या डेटा अथवा वित्तीय संसाधन, वहां क्षमताओं का सबसे अ​धिक अभाव है।’
मोदी ने कहा कि एआई स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि मानकों में सुधार कर जीवन में बदलाव ला सकता है। साथ ही यह वैश्विक स्थायित्व लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सभी देशों के लिए तेज एवं सुगम राह सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए हमें संसाधनों और प्रतिभाओं को साथ लाना होगा। हमें ऐसे ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करने चाहिए जो विश्वास एवं पारदर्शिता को बेहतर करने में मदद करे। हमें बिना किसी पूर्वग्रह के गुणवत्तापूर्ण डेटासेट तैयार करने चाहिए। प्रौद्योगिकी को सभी के लिए उपलब्ध कराने और आम लोगों पर केंद्रित ऐ​प्लिकेशन तैयार करना चाहिए।’
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एआई के विकास के ओपन-सोर्सिंग पर बहस तेज हो गई है क्योंकि तमाम देश अपने लिए स्वदेशी फाउंडेशन मॉडल विकसित करना चाहते हैं। दुनिया के तमाम देश बड़ी तादाद में ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनकी कंपनियां सबसे उन्नत स्वदेशी फाउंडेशन मॉडल विकसित करने की दिशा में काम कर रही हैं।
इसी साल जनवरी में चीन की कंपनी डीपसीक ने अपने नवीनतम आधारभूत मॉडल आर1 का ओपन-सोर्स मॉडल जारी किया था। उसने दावा किया है कि इसे ओपनएआई के फाउंडेशन मॉडल और उसके चैटजीपीटी के लिए आवश्यक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट एवं लागत के मुकाबले बेहद कम खर्च पर विकसित किया गया है।

First Published - February 11, 2025 | 10:42 PM IST

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