facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

अमेरिका की धरती से पीएम मोदी का चीन पर निशाना, कहा: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर दबाव, टकराव के काले बादल छाए

पीएम मोदी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच कही यह बात।

Last Updated- June 23, 2023 | 11:07 AM IST

पीएम मोदी (PM Modi USA Visit) ने हिंद प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच उस पर परोक्ष रूप से हमला करते कहा कि रणनीतिक रूप से अहम इस क्षेत्र पर ‘‘दबाव और टकराव के काले बादल’’ छाए हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है।

उन्होंने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत में दबाव और टकराव के काले बादल छाए हुए हैं। इस क्षेत्र की स्थिरता हमारी साझेदारी की प्रमुख चिंताओं में से एक है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका ऐसे मुक्त, स्वतंत्र एवं समावेशी हिंद-प्रशांत का साझा दृष्टिकोण रखते हैं, जो सुरक्षित समुद्रों से जुड़ा हो, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों से परिभाषित हो और जहां किसी का प्रभुत्व न हो।

उन्होंने कहा कि दोनों देश ऐसे क्षेत्र की कल्पना करते हैं, जहां सभी छोटे-बड़े देश अपने फैसले स्वतंत्र और निडर होकर कर सकें, जहां तरक्की ऋण के असंभव बोझ तले दबी नहीं हो, जहां संपर्क सुविधाओं का लाभ सामरिक उद्देश्यों के लिए नहीं उठाया जाए और जहां सभी देश मिलकर समृद्धि हासिल कर सकें।

श्रीलंका-पाकिस्तान जैसे देशों के आर्थिक संकट से जूझने के बीच आया पीएम मोदी का यह बयान

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जिनमें चीन ने बुनियादी ढांचों में अत्यधिक निवेश किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सोच किसी को रोकने या किसी को अलग रखने पर आधारित नहीं है, बल्कि यह शांति एवं समृद्धि का सहकारी क्षेत्र बनाने को लेकर है। हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर एवं बाहर के अपने भागीदारों के साथ काम करते हैं। इनमें से क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस क्षेत्र की भलाई के लिए एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है।’’

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में सभी देशों द्वारा नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान किए जाने का आह्वान किया गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘वैश्विक साझेदारों के रूप में, अमेरिका और भारत इस बात की पुष्टि करते हैं कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान किया जाना चाहिए। दोनों देश इस बात पर जोर देते हैं कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए।’’

भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच एक मुक्त, स्वतंत्र एवं संपन्न हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर दावा जताता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताईवान जैसे कुछ अन्य देश भी इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों को अपना बताते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गहरे विघटनकारी घटनाक्रम हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन में युद्ध के साथ ही यूरोप में युद्ध की वापसी हुई है। इससे क्षेत्र में काफी दिक्कतें हो रही हैं। युद्ध में बड़ी शक्तियों के शामिल होने के कारण, इसके परिणाम गंभीर हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘विशेष रूप से ‘ग्लोबल साउथ’ के (अल्पविकसित या विकासशील) देश प्रभावित हुए हैं। वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने प्रत्यक्ष और सार्वजनिक रूप से कहा है, यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि यह संवाद और कूटनीति का दौर है। हमें रक्तपात और मानव पीड़ा को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए।’’

First Published - June 23, 2023 | 11:07 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट