facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Pope Francis Demise: पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में निधन, ईस्टर मंडे को दुनिया को कहा अलविदा

पोप फ्रांसिस कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु थे और दुनियाभर में करोड़ों अनुयायियों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक माने जाते थे।

Last Updated- April 21, 2025 | 2:07 PM IST
Pope Francis
Pope Francis Demise

Pope Francis Demise: पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। वेटिकन के कैमरलेंगो, कार्डिनल केविन फैरेल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “आज सुबह 7:35 बजे रोम के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस स्वर्ग सिधार गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रभु और चर्च की सेवा में समर्पित किया।”

पोप फ्रांसिस कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु थे और दुनियाभर में करोड़ों अनुयायियों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक माने जाते थे।

कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर श्वसन संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी, 2025 को सांस लेने में दिक्कत के बाद रोम स्थित जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब पांच हफ्तों तक इलाज के बाद 24 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो सका और हालत धीरे-धीरे फिर बिगड़ने लगी।

88 वर्षीय पोप फ्रांसिस बीते कुछ वर्षों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। उन्हें घुटने और कूल्हे में लगातार दर्द की शिकायत रही है, साथ ही बड़ी आंत में सूजन की समस्या भी सामने आ चुकी थी। पोप को श्वसन संक्रमण का खास खतरा इसलिए भी रहता था क्योंकि 21 वर्ष की उम्र में एक गंभीर बीमारी के चलते उनके दाहिने फेफड़े का एक हिस्सा सर्जरी के जरिए निकाल दिया गया था।

ईस्टर संडे पर आखिरी बार दिखाई दिए पोप फ्रांसिस

पोप फ्रांसिस ने इस बार ईस्टर संडे पर हजारों श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए अपनी झलक दिखाई। सेंट पीटर्स स्क्वायर में मौजूद लोगों के बीच जब पोप अपनी ओपन टॉप पोपमोबाइल में घूमते नजर आए, तो भीड़ ने जोरदार तालियों और “विवा इल पोपा” (लंबे समय तक जीवित रहें पोप) जैसे नारों से उनका स्वागत किया। यह दृश्य खास इसलिए भी रहा क्योंकि पोप फ्रांसिस हाल ही में डबल न्यूमोनिया (फेफड़ों के संक्रमण) से उबर रहे हैं और यह उनका एक तरह से सार्वजनिक जीवन में वापसी का प्रतीक था।

कौन थे पोप फ्रांसिस?

पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था। उनका जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुआ था। वे रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने और खास बात यह थी कि वे अमेरिका महाद्वीप से चुने जाने वाले पहले पोप थे। मार्च 2013 में, पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के इस्तीफे के बाद जब उन्हें चुना गया, तो वे 1,200 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप और पहले जेसुइट (Jesuit) संप्रदाय के पोप भी बने।

पोप फ्रांसिस सादगी और सेवा भावना के लिए जाने गए। जहां पहले पोप भव्यता और राजसी जीवनशैली के प्रतीक माने जाते थे, वहीं फ्रांसिस ने इसे तोड़ा। उन्होंने आलीशान पोप निवास की जगह वेटिकन के एक छोटे गेस्टहाउस में रहना चुना और अपने पद को शक्ति की बजाय सेवा के रूप में निभाया।

पोप फ्रांसिस ने हमेशा गरीबों, पीड़ितों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता, उपभोक्तावाद के खिलाफ और एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए चर्च में स्वीकार्यता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की। उनका प्रसिद्ध दस्तावेज “लौदातो सी” पर्यावरण को लेकर उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने धर्म को जलवायु संकट से जोड़ा।

हालांकि उनके कई विचार पारंपरिक विचारधारा वाले लोगों को नहीं भाए, लेकिन इसके बावजूद वे दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए करुणा, प्रेम और शांति का प्रतीक बने रहे। उन्होंने बार-बार यह संदेश दिया कि चर्च सभी के लिए है — जाति, धर्म, लिंग या यौन पहचान से परे।

First Published - April 21, 2025 | 1:49 PM IST

संबंधित पोस्ट