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पाकिस्तान का 3 राफेल को गिराने का दावा झूठा — फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के CEO बोले

डसॉल्ट के CEO ने पाकिस्तान के 3 राफेल विमान गिराने के दावे को गलत बताया। उन्होंने कहा: हमें जो पता चला है, उसके मुताबिक पाकिस्तान का दावा पूरी तरह गलत है।

Last Updated- June 15, 2025 | 8:04 PM IST
Rafale
भारत का लड़ाकू विमान राफेल | फोटो: PTI

भारत-पाकिस्तान तनातनी के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने 7 मई को आतंकी ठिकानों पर हमले के दौरान भारतीय वायु सेना (IAF) के तीन राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। अब फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एरिक ट्रैपियर ने इस दावे को पूरी तरह गलत बता दिया है। बता दें कि फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ही राफेल बनाने वाली कंपनी है।

ट्रैपियर ने एक फ्रेंच भाषा के एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें ‘Operation Sindoor’ के दौरान हुए कथित नुकसान की पूरी जानकारी नहीं है, क्योंकि नई दिल्ली ने इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया, “हमें जो पता है, वह यह है कि पाकिस्तान का दावा (तीन राफेल विमानों को नष्ट करने का) गलत है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम देखेंगे कि नुकसान हुआ या नहीं और युद्ध के लक्ष्य हासिल हुए या नहीं। जब सच सामने आएगा, तो कुछ लोग हैरान हो सकते हैं।”

पिछले हफ्ते पेरिस एयर शो से पहले फ्रेंच पत्रिका चैलेंजेस को दिए इंटरव्यू में डसॉल्ट एविएशन के CEO ने कहा कि लड़ाकू विमान सैन्य मिशन को पूरा करने के लिए होते हैं, जहां सफलता का मतलब लक्ष्यों को हासिल करना है, न कि कोई नुकसान न होना।

उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध में किसी ने यह नहीं कहा कि मित्र देश हार गए क्योंकि उनके सैनिकों का नुकसान हुआ था।”

ट्रैपियर से यह सवाल पूछा गया था कि क्या मई की शुरुआत में पाकिस्तान के साथ हवाई झड़प में कम से कम एक राफेल के नुकसान से पता चलता है कि फ्रेंच डिजाइन वाला यह विमान अपनी सीमा तक पहुंच गया है।

Also Read: भारत में बनेगा राफेल का ढांचा, फ्रांस की दसॉ एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच करार का ऐलान

राफेल की ताकत और भारत की रणनीति

राफेल को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक बताते हुए ट्रैपियर ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि कोई एक विमान हर मामले में सर्वश्रेष्ठ है। लेकिन उनका मानना है कि राफेल हवा से हवा में मार करने, टोही मिशन, हवा से जमीन पर हमला, परमाणु मिशन और विमानवाहक पोत से उड़ान भरने में सक्षम होने के कारण सबसे बेहतर है।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह अमेरिका के लॉकहीड मार्टिन F-35 स्टील्थ जेट से बेहतर है और बाजार में मौजूद सभी चीनी विमानों से कहीं श्रेष्ठ है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया, “यह साफ है कि अमेरिकी वायु सेना के स्टील्थ एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर F-22 के साथ एक-के-बाद-एक हवाई मुकाबले में राफेल के लिए मुश्किल होगा।”

डसॉल्ट एविएशन के CEO ने जोर देकर कहा कि राफेल फ्रांसीसी सशस्त्र बलों और इसे खरीदने वाले देशों की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करता है।

पिछले महीने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग सिक्योरिटी फोरम के दौरान भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत ने 7 मई को हुए नुकसान के बाद अपनी रणनीति को सुधारा और चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान पर बढ़त हासिल की। यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया से उनकी पहली टिप्पणी थी, जिसे भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के जवाब में शुरू किया था, जिनका नई दिल्ली ने सीमा पार से संबंध होने का दावा किया था।

भारतीय विमानों के नुकसान के बारे में सवालों के जवाब में CDS ने एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया कि नुकसान तो हुआ, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के अंदर “पिनपॉइंट पर पूरी सटीकता” के साथ हमले किए, कुछ तो “मीटर तक सटीक” थे। जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने अपने सभी लक्ष्य हासिल किए।

एक अन्य समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान का छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा “बिल्कुल गलत” है, लेकिन उन्होंने भारत के नुकसान पर विस्तार से कुछ नहीं कहा।

CDS ने बताया था कि भारतीय सेनाओं ने अपनी रणनीति को ठीक किया और 7, 8 और 10 मई को बड़ी संख्या में पाकिस्तान के अंदर हवाई ठिकानों पर हमले किए, सभी हवाई रक्षा प्रणालियों को भेदते हुए और सटीक हमले किए। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने “10 मई को सभी प्रकार के विमानों और हथियारों के साथ उड़ान भरी।”

10 मई को ऑपरेशन सिंदूर में विराम के एक दिन बाद, भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच समझौते के तहत, डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले सभी भारतीय वायु सेना के पायलट घर वापस आ गए हैं। उन्होंने नुकसान से इनकार नहीं किया, लेकिन जोर देकर कहा कि ऑपरेशन का लक्ष्य हासिल हो गया था।

ऑपरेशन और उसके बाद पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के दौरान भारतीय वायु सेना के विमानों के संभावित नुकसान पर एक मीडिया सवाल के जवाब में एयर मार्शल भारती ने कहा, “हम एक युद्ध की स्थिति में हैं, और नुकसान युद्ध का हिस्सा हैं। आपको हमसे यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या हमने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का लक्ष्य हासिल किया? और इसका जवाब है, हां, पूरी तरह से। और इसके परिणाम पूरी दुनिया देख सकती है।”

उन्होंने आगे कहा, “जहां तक यह सवाल है कि हमने कितने विमान या कौन सा प्लेटफॉर्म खोया, इस समय मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, क्योंकि हम अभी भी युद्ध की स्थिति में हैं। अगर मैं कुछ कहता हूं, तो यह दुश्मन के लिए फायदा होगा।”

इस महीने की शुरुआत में, यह घोषणा की गई थी कि पहली बार घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए राफेल लड़ाकू विमान का फ्यूजलेज भारत में बनाया जाएगा। डसॉल्ट एविएशन और भारतीय निजी क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने एक समझौता किया है, जिसके तहत TASL तेलंगाना के हैदराबाद में एक प्रोडक्शन कैपेसिटी करेगी, जहां राफेल के प्रमुख संरचनात्मक हिस्सों का निर्माण होगा।

अप्रैल में, भारत ने अब तक की सबसे बड़ी लड़ाकू विमान खरीद के तहत फ्रांस के साथ लगभग 64,000 करोड़ रुपये की एक अंतर-सरकारी समझौता (IGA) पर हस्ताक्षर किए, ताकि भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमान खरीदे जा सकें।

बता दें कि भारतीय वायु सेना ने पहले सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये के IGA के तहत 36 राफेल विमान खरीदे थे।

First Published - June 15, 2025 | 7:55 PM IST

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