US recession 2025: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका इस साल भारी मंदी की ओर बढ़ रही है। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि 2025 में अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ 2.8% से घटकर 1.6% रह जाएगी और 2026 में यह और गिरकर 1.5% पर आ जाएगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इसका सबसे बड़ा कारण राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की ट्रेड पॉलिसी और उनके द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को बताया गया है।
OECD के मुताबिक, ट्रम्प ने इंपोर्ट पर औसत टैरिफ दर को 2.5% से बढ़ाकर 15.4% कर दिया है, जो 1938 के बाद सबसे ज्यादा है। इससे न सिर्फ अमेरिकी लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है, बल्कि आयातित कच्चे माल पर निर्भर कंपनियों के लिए भी लागत बढ़ गई है।
ट्रम्प ने लगभग हर देश से आने वाले सामान पर 10% टैरिफ लगा दिया है और स्टील, एल्यूमिनियम और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स पर खास टैरिफ भी थोपे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ को 50% तक बढ़ाने की धमकी भी दी है। इस अनिश्चितता ने कारोबारियों और उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास डगमगा दिया है।
OECD के चीफ इकोनॉमिस्ट अल्वारो परेरा ने कहा कि ट्रेड बैरियर्स और नीतिगत अनिश्चितता ने वैश्विक व्यापार और निवेश को नुकसान पहुंचाया है। पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क की एक अदालत ने ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को अवैध बताकर रोक दिया था, लेकिन अपील कोर्ट ने इन टैरिफ को लागू रखने की इजाजत दी है, जिससे अनिश्चितता और बढ़ गई है।
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वैश्विक अर्थव्यवस्था भी ट्रम्प की ट्रेड वॉर की मार झेल रही है। OECD का अनुमान है कि 2024 में 3.3% रही वैश्विक ग्रोथ 2025 में घटकर 2.9% हो जाएगी और 2026 में भी इतनी ही रहेगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन 2025 में 4.7% और 2026 में 4.3% की ग्रोथ दर्ज करेगा, जो पिछले साल के 5% से कम है। ट्रम्प के टैरिफ से चीनी निर्यातकों को नुकसान होगा, हालांकि बीजिंग ने ब्याज दरें घटाने और फैक्ट्री अपग्रेड जैसे कदमों से कुछ राहत देने की कोशिश की है।
दूसरी ओर, यूरो करेंसी का इस्तेमाल करने वाले यूरोप के 20 देशों में 2025 में 1% और 2026 में 1.2% की ग्रोथ रह सकती है, जिसमें यूरोपियन सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों में कटौती मदद करेगी।