facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

रूस बना गेहूं का नंबर 1 निर्यातक, दुनियाभर में कीमत घटी; जानें क्या है यूक्रेन युद्ध से रिश्ता

रूस स्थिति का फायदा उठाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और ऐसे में अपने खुद के खजाने को भरने के लिए गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहा है

Last Updated- September 16, 2023 | 4:45 PM IST
Wheat

रूस में लगातार दूसरे सीजन में भी गेहूं की बंपर पैदावार हुई। इसके चलते यह देश दुनिया का सबसे बड़ा यानी नंबर 1 निर्यातक देश बन गया। एक तरफ जहां रूस की दमदार फसल निर्यातक के रूप में देश की स्थिति को मजबूत कर रही है वहीं दूसरी ओर, यह यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से कीमत पर बढ़े दबाव को भी कम कर रही है। इसका मतलब यह है कि सप्लाई बढ़ने की वजह से देश को सस्ते में गेहूं मिल जा रहा है।

रूस के सबसे बड़े निर्यातक बनने की एक और वजह यूक्रेन पर पाबंदी

समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया कि रूस के साथ युद्ध की वजह से यूक्रेन के बंदरगाहों पर नाकाबंदी हो गई है और लगातार बमबारी जारी है, जिसकी वजह से यूक्रेन का खाद्य निर्यात रुक गया है। और यही वजह है कि वैश्विक गेहूं बाजार में रूस को अपना प्रभुत्व मजबूत करने में मदद मिली है। यह रिकॉर्ड रूसी शिपमेंट को जानकर समझा जा सकता है क्योंकि देश के व्यापारियों ने आक्रमण के बाद सामना की गई फाइनैंशिंग और लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों पर काबू पा लिया है।

हालांकि, रूस के खचाखच भरे अनाज बंदरगाहों (grain ports ) ने लागत के संकट से जूझ रहे गेहूं उपभोक्ताओं के लिए एक उम्मीद की किरण भी पैदा की है क्योंकि इस समय गेहूं की कीमतें लगभग तीन वर्षों में सबसे कम हैं।

खुद के खजाने भरने के लिए रूस ने बढ़ा दी कीमत

रूस स्थिति का फायदा उठाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और ऐसे में अपने खुद के खजाने को भरने के लिए गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब जितना दाम था, उसकी भी आधी से कम कीमत पर शिकागो बाजार (Chicago market ) कारोबार कर रहा है। बता दें कि आक्रमण के बाद गेहूं की कीमत उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।

स्ट्रैटेजी ग्रेन्स के अनाज-बाजार एनॉलिस्ट हेलेन डुफ्लोट ने ब्लूमबर्ग को बताया, ‘रूसी गेहूं के लिए बहुत सारे प्रतिस्पर्धी नहीं हैं। रूस इस समय प्राइस मेकर है।’ यानी रूस के लिए इस समय कोई मुकाबले में नहीं है और रूस का कीमत डिसाइड करने में इकलौता राज है।

First Published - September 16, 2023 | 4:45 PM IST

संबंधित पोस्ट