facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील पर स्थिर: सेना प्रमुख

पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग के गतिरोध वाले दो शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली।

Last Updated- January 13, 2025 | 11:06 PM IST
Situation in eastern Ladakh sensitive but stable: Army Chief पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील पर स्थिर: सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध बरकरार है और दोनों पक्षों को बैठकर इस मुद्दे पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है कि स्थिति को कैसे शांत किया जाए। जनरल द्विवेदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को संवेदनशील लेकिन स्थिर बताया। उन्होंने कहा कि कोर कमांडरों को अब गश्त और मवेशियों को घास चराने से संबंधित ‘मामूली’ मुद्दों या ‘मामूली विवादों’ को हल करने की शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि वे बाद में ‘बड़ा मुद्दा’ ना बनें।

सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि बफर जोन नाम की कोई चीज नहीं है क्योंकि हिंसा की संभावना से बचने के लिए कुछ क्षेत्रों में गश्त पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। अप्रैल 2020 में टकराव शुरू होने के बाद से क्षेत्र में आए बदलावों की चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र से ‘छेड़छाड़’ की है, निर्माण कार्य किए, सैनिकों की तैनाती की और सैन्य साजोसामान का भंडारण किया। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, इसका मतलब यह है कि (अब भी) ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध है। अब चूंकि आपने अप्रैल 2020 के बाद स्थिति बदल दी है, इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास की एक नई परिभाषा होनी चाहिए।’

जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना सीमा संबंधी मसलों को लेकर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक के साथ-साथ भारत-चीन सीमा मामलों पर डब्ल्यूएमसीसी (परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र) के ढांचे के तहत बातचीत की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा, ‘बैठकों के बाद मिले मार्गदर्शन के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।’

पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग के गतिरोध वाले दो शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली।

First Published - January 13, 2025 | 11:06 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट