अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने गुरुवार को भारतीय मूल के काश पटेल (Kash Patel) को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) का नौवां निदेशक नियुक्त करने की आधिकारिक मंजूरी दे दी।
काश पटेल की नियुक्ति पर अमेरिकी सीनेट में करीबी मतदान हुआ, जहां 51 सांसदों ने उनके पक्ष में और 49 ने विरोध में वोट दिया। इस फैसले के साथ वह FBI के निदेशक बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बन गए हैं।
अमेरिकी सीनेट में काश पटेल के नामांकन पर हुए मतदान में दो रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी विरोध जताया। सीनेटर सुसान कॉलिंस (Susan Collins) और लिसा मुर्कोव्स्की (Lisa Murkowski) ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी 47 सांसदों के साथ मिलकर उनके खिलाफ वोट दिया।
डेमोक्रेट सांसदों ने काश पटेल की नियुक्ति पर उठाए सवाल
डेमोक्रेट सांसदों ने काश पटेल की नियुक्ति का विरोध करते हुए उनकी योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पटेल राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन में काम कर सकते हैं और उनके विरोधियों को निशाना बना सकते हैं।
हालांकि, सीनेट में बयान देते हुए काश पटेल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि एफबीआई के राजनीतिकरण और प्रतिशोधी कार्रवाई के आरोप बेबुनियाद हैं। पटेल पहले भी एफबीआई की कार्यशैली की आलोचना कर चुके हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति के करीबी माने जाने वाले काश पटेल ने नामांकन के बाद कहा था कि वह एफबीआई का नेतृत्व करते हुए ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों की जांच करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि वह एफबीआई को एक पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध एजेंसी के रूप में पुनर्गठित करेंगे।
काश पटेल ने एक्स पर किया पोस्ट
काश पटेल ने अपनी नई नियुक्ति के बाद एक्स पर खुशी जताई। उन्होंने लिखा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी का आभार जताते हुए कहा कि वे उनके समर्थन और विश्वास के लिए धन्यवाद देते हैं।
पटेल ने कहा कि अमेरिकी नागरिक एक पारदर्शी और जवाबदेह एफबीआई के हकदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि न्याय व्यवस्था के राजनीतिकरण से जनता का भरोसा कमजोर हुआ है, लेकिन अब यह बंद होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बतौर निदेशक उनका मिशन एफबीआई में जनता का विश्वास बहाल करना और पुलिस अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से काम करने देना है।
On being confirmed as the 9th Director of the Federal Bureau of Investigation, Kash Patel tweets, “… Thank you to President Trump and Attorney General Bondi for your unwavering confidence and support… The American people deserve an FBI that is transparent, accountable, and… pic.twitter.com/2ShXEmMMox
— ANI (@ANI) February 20, 2025
कौन हैं काश पटेल? भारत से क्या है कनेक्शन
काश पटेल का जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था। उनके माता-पिता गुजराती मूल के हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड से स्नातक किया और फिर पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से जूरिस डॉक्टर (कानूनी डिग्री) हासिल की।
पटेल ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के तौर पर की। उन्होंने पब्लिक डिफेंडर के रूप में काम करते हुए हत्या, नशीली दवाओं की तस्करी और वित्तीय अपराधों से जुड़े मामलों को राज्य और संघीय अदालतों में संभाला।
अमेरिका में जन्मे और पले-बढ़े काश पटेल अपनी भारतीय जड़ों को लेकर खुलकर बात करते रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी भारतीय विरासत ने उनके मूल्यों और करियर को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों में अहम भूमिका निभाने वाले 45 वर्षीय भारतीय मूल के वकील पटेल ने कई उच्च पदों पर काम किया है। वह व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के डिप्टी असिस्टेंट और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में काउंटर टेररिज्म के सीनियर डायरेक्टर रह चुके हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, पटेल ने अपने कार्यकाल के दौरान आईएसआईएस और अल-कायदा के बड़े नेताओं जैसे अबू बक्र अल-बगदादी और कासिम अल-रीमी के खिलाफ अभियानों में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने कई अमेरिकी बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में भी योगदान दिया। हालांकि उनकी पारिवारिक जड़ें भारत से जुड़ी हैं, लेकिन उनका पेशेवर करियर अमेरिका की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन से संबंधित रहा है।