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US Birthright Citizenship: ट्रम्प के फैसले पर कोर्ट की रोक, क्या है बर्थ राइट सिटीजन​शिप? भारतीयों के लिए क्यों अहम; एक्सपर्ट्स से समझिए

डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में बर्थ राइट सिटिजनशिप को खत्म करने की घोषणा की थी। हालांकि, अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने ट्रम्प के फैसले पर अस्थाई रोक लगा दी है।

Last Updated- January 24, 2025 | 12:33 PM IST
US President Donald Trump
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

Birthright Citizenship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के कुछ देर बाद ही ट्रम्प ने एक साथ कई घोषणाएं कीं, जिसमें उन्होंने बर्थ राइट सिटिजनशिप (Birthright Citizenship) को खत्म करने की भी बात कही। ट्रम्प के इस फैसले से चारों ओर इस विषय पर चर्चा होने लगी कि इससे किसे फायदा मिलेगा और किसे नुकसान होगा।

हालांकि, अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने ट्रम्प के फैसले पर आपत्ति जताते हुए इस पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी और इसे असंवैधानिक बात दिया। फेडरल जज जॉन कफनौर ने कहा कि ट्रम्प का आदेश “संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन करता है”, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे सभी व्यक्तियों को नागरिकता का अधिकार है।”

जज कफनौर ने यह भी कहा कि बर्थ राइट सिटिजनशिप को समाप्त करने से संविधान के उस हिस्से की मूल भावना पर चोट पहुंचेगी, जिसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति को अमेरिकी नागरिकता से वंचित नहीं करना था। इसके अलावा, अदालत ने यह भी माना कि ट्रम्प का फैसला कानून से बाहर था और इसे बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के लागू नहीं किया जा सकता था। फेडरल कोर्ट का यह निर्णय यह साबित करता है कि न्यायपालिका अमेरिकी संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

Birthright Citizenship है क्या

बर्थ राइट सिटिजनशिप एक ऐसी कानूनी व्यवस्था है जिसके तहत एक व्यक्ति को उस देश की नागरिकता मिल जाती है, जहां वह जन्म लेता है। अमेरिका में यह 14वें संशोधन के तहत लागू 1868 में संविधान में जोड़ा गया था। इसके अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी व्यक्ति और उनके माता-पिता जो अमेरिका में रहते हैं, वे अमेरिकी नागरिक माने जाते हैं। यह नियम संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को आसानी से अमेरिकी नागरिकता देता है।

अमेरिका के संविधान में यह अमेरिकी गृह युद्ध के बाद अफ्रीकी-अमेरिकियों को नागरिक अधिकार देने के लिए लाया गया था। इसके बाद, यह कानून उन सभी बच्चों के लिए लागू हुआ जो संयुक्त राज्य में पैदा होते थे, चाहे उनके माता-पिता अमेरिका वैध प्रवासी हों या अवैध प्रवासी। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को जन्म के आधार पर नागरिकता से वंचित न किया जाए।

Birthright Citizenship: कौन हैं लाभार्थी

अमेरिका में बर्थ राइट सिटिजनशिप से सबसे अधिक लाभ अवैध प्रवासियों को मिलता है। कोई ऐसा व्यक्ति, जिसके पास अमेरिका में रहने के लिए पर्याप्त कानूनी डॉक्यूमेंट नहीं हैं, अगर उनका बच्चा वहां जन्म लेता है, तो उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी। ऐसे बच्चे भविष्य में अमेरिका में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य नागरिक अधिकारों का लाभ उठाते हैं। दक्षिण अमेरिकी देश, एशिया और अफ्रीका के देशों से आने वाले प्रवासियों के लिए यह एक बड़ा जरिया है अमेरिका की नागरिकता पाने का। इन देशों के ही अधिकतर लोग अमेरिका में बेहतर अवसरों की तलाश में आते थे।

भारत पर क्या पड़ता असर

अगर कभी भी अमेरिका बर्थ राइट सिटिजनशिप को खत्म किया जाएगा तो भारत इसके सबसे प्रभावित देशों में से एक होगा, क्योंकि भारतीय प्रवासी अमेरिका में बड़ी संख्या में हैं। भारत से आने वाले लोग अधिकतर लोग तकनीकी क्षेत्र में काम करने के लिए अमेरिका आते हैं। बर्थ राइट सिटिजनशिप के तहत, उनके बच्चे अमेरिकी नागरिक बन जाते थे, जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार के मामले में फायदा होता था। इससे भारतीय प्रवासियों के लिए अमेरिका में एक स्थायी ठिकाना स्थापित करना आसान हो जाता था।

इसके अलावा यदि यह भारत के उन नागरिकों को भी नुकसान होगा जो अवैध रूप से अमेरिका में निवास करते हैं। ट्रम्प का कहना था कि इस नियम का प्रवासी लोग दुरुपयोग करते हैं, क्योंकि कई लोग सिर्फ अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलवाने के लिए अवैध रूप से अमेरिका में रहने आते है।

अगर यह लागू हो जाता तो कई भारतीय परिवारों के लिए एक बड़ा संकट बन सकता था, क्योंकि उनके बच्चों को जो अमेरिकी नागरिकता मिलती थी, वह अब संभव नहीं हो पाती। इसके अलावा इससे उन भारतीय प्रवासियों को भी दिक्कत होती जो अपने भविष्य और परिवार के स्थायित्व के लिए अमेरिका में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। फिर भारतीय  प्रवासियों को अपने बच्चों के नागरिकता के लिए अलग-अलग कानूनी लफड़ों से गुजरना पड़ता, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो सकता था।

Birthright Citizenship: अमेरिका को क्या नफा-नुकसान

ट्रम्प के फैसले से अमेरिका को क्या नुकसान हो सकता है? अगर बर्थ राइट सिटिजनशिप को खत्म कर दिया जाता, तो अमेरिका को कुछ फायदे तो होते लेकिन उसे कुछ नुकसान भी झेलना पड़ता। सबसे पहले, अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या में कमी आती, क्योंकि बर्थ राइट सिटिजनशिप की वजह से अवैध प्रवासियों को बहुत फायदा मिलता है। हालांकि, यह उस मजदूर वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता था जो वहां कई उद्योगों में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसमें मुख्य रूप से कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्र है, जिसपर अधिक असर देखने को मिलता । अवैध प्रवासी के चलते इन उद्योगों में कम वेतन वाले कामों के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसे में, यदि वे काम नहीं करते, तो अमेरिका में इन क्षेत्रों में कामकाजी संकट उत्पन्न हो सकता था।

दूसरा, इस फैसले से अमेरिका की विविधता और समावेशिता की छवि को प्रभावित हो सकती है। अमेरिका का इतिहास ही अलग-अलग जगहों से आए हुए लोगों से बना है। इस देश ने शुरू से ही में विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को स्वागत किया है। बर्थ राइट सिटिजनशिप को समाप्त करने से यह मैसेज जा सकता था कि अमेरिका अब उन लोगों के लिए अब सही जगह नहीं है और फिर लोग किसी और देश की ओर संभावनाएं देख सकते है। यह अमेरिकी समाज में खंडन पैदा कर सकता था, जो एक समृद्ध और विविध राष्ट्र बनने की दिशा में नुकसानदायक हो सकता था।

Birthright Citizenship: क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में अमेरिकन स्टडी के पूर्व प्रोफेसर चिंतामणी महापात्रा का मानना है कि ट्रम्प चाहकर भी अमेरिका में आसानी से बर्थ राइट सिटीजनशिप खत्म नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, “यह फैसला तुरंत लागू नहीं हो पाएगा क्योंकि इसके खिलाफ कोर्ट में मुकदमे की लंबी प्रक्रिया चलेगी। फेडरल कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित किया है तो मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। किसी भी संवैधानिक संशोधन को लागू करने के लिए दो-तिहाई राज्य विधायकों की मंजूरी भी जरूरी होगी, जो आसान नहीं है। हालांकि, भविष्य में भी अगर यह फैसला लागू होता है, तो इससे भारत के कई प्रवासियों और उनके बच्चों पर असर पड़ेगा, खासकर वे भारतीय जो अमेरिका में H-1B वीजा, छात्र वीजा या अस्थायी वीजा पर रहते हैं। उनके बच्चों को फिर सीधे नागरिकता नहीं मिलेगी, जो भारत में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव होगा। ”

महापात्रा कहते हैं, “यह दरअसल ट्रम्प की प्रवासी विरोधी नीति और मिशन का हिस्सा है। ट्रम्प का मानना है कि बर्थ राइट सिटिजनशिप का बाहरी लोग दुरुपयोग कर रहे हैं, खासकर उन देशों से जो अधिक संख्या में अमेरिका में प्रवासियों को भेजते हैं। लेकिन इससे इससे अमेरिका को नुकसान भी होगा। अगर बर्थ राइट सिटिजनशिप समाप्त हो जाता है, तो अमेरिका को मध्यकाल में बहुत कम लाभ होगा और तुरंत नुकसान हो सकता है। लाखों पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अगर यह नीति लागू होती है, तो इन पेशेवरों और उनके बच्चों को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा, जिससे अमेरिका की मानवीय शक्ति कमजोर हो सकती है।”

इसके अलावा अमेरिका के University of Delaware में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर मुक्तेदार खान कहते हैं, “ट्रम्प अभी बहुत से काम वो कर रहे हैं जिसकी चर्चा उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी की थी और चुनाव प्रचार में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। अवैध प्रवासी का मुद्दा अमेरिका में आज का मुद्दा नहीं है। बहुत पहले से इसपर बात होती रही है। रही बात बर्थ राइट सिटीजनशिप खत्म करने की तो अमेरिका अबतक कम से कम अब तक यह अवसर दे रहा है, दुनिया के अधिकतर देशों में बर्थ राइट सिटीजनशिप है ही नहीं।”

उनका कहना है, “हालांकि, फिलहाल फेडरल कोर्ट ने तो इसपर रोक लगा दी है लेकिन अब आगे देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का इसपर का रुख रहता है। अगर बात करें कि अमेरिकी कारोबारियों पर इसका क्या असर पड़ेगा तो मैं इसके बारे में श्योर नहीं हूं। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि वे केवल लॉबी कर सकते हैं, लेकिन फैसले लेने में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं होती। अमेरिकी उद्योगपतियों का यह कहना हो सकता है कि यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानकारी हो सकता है, क्योंकि भारत जैसे देशों से आने वाले पेशेवर अमेरिकी उद्योगों में अहम भूमिका निभाते हैं।”

First Published - January 24, 2025 | 12:22 PM IST

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