अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को (स्थानीय समय) घोषणा की कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का प्रशासन चीनी छात्रों के वीजा को “एग्रेसविली रद्द” (aggressively revoke) करने के लिए काम करेगा। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उन चीनी छात्रों के वीजा भी रद्द किए जाएंगे जिनके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध हैं या जो “क्रिटिकल फील्ड” में एनरोल्ड हैं। रुबियो ने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग चीन और हांगकांग से भाविष्य में आने वाले सभी आवेदकों की “जांच बढ़ाने” के लिए वीजा मानकों को “संशोधित” कर रहा है।
हालांकि रुबियो के बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि “क्रिटिकल फील्ड्स” का क्या मतलब है। रिपोर्ट बताती है कि इस फ्रेज का सबसे ज्यादा मतलब भौतिक विज्ञान में अनुसंधान से है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की घोषणा से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अनिश्चितता बढ़ गई है, जो अमेरिका में पढ़ाई का लक्ष्य बना रहे हैं, और अब उन्हें ट्रंप प्रशासन से गहन जांच का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें…अब नहीं चलेगी ट्रंप की मनमानी? कोर्ट ने आयात टैक्स पर लगा दी रोक!
एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को एक केबल भेजा गया था, जिसमें रुबियो ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू की शेड्यूलिंग को रोक दिया है क्योंकि विभाग सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधि की बढ़ी हुई जांच के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है।
गौरतलब है कि चीन अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भेजने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। ज्यादातर अमेरिकी विश्वविद्यालय की सालाना कमाई का एक बड़ा हिस्सा इन चीनी और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों की ट्यूशन फीस से मिलता है।
रुबियो की यह घोषणा ट्रंप प्रशासन की ओर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को किसी भी नए अंतरराष्ट्रीय छात्र को एनरोल करने से रोकने के लिए उठाए गए कदम के कुछ दिनों बाद आई है। यह निर्णय फिलहाल एक मुकदमे के लंबित रहने तक रुका हुआ है।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि विदेश विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग चीनी छात्रों के लिए वीजा कैसे रद्द करेंगे। आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी (ICE) उन छात्रों को आक्रामक रूप से हिरासत में ले रही है जिनके वीजा या निवास की स्थिति रद्द कर दी गई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से इस आदेश को पारित करने से पहले, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य अपने बच्चों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए भेज सकते थे। पिछले कुछ दशकों में, शीर्ष पार्टी अधिकारियों ने अपने बच्चों को भेजा, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी बेटी शी मिंग्जे को 2010 के दशक की शुरुआत में हार्वर्ड में एक छद्म नाम से भाग लेने के लिए भेजा था।
इससे पहले, 2020 में, ट्रंप प्रशासन ने चीन के सैन्य विश्वविद्यालयों से संबंध रखने वाले हजारों चीनी स्नातकों के वीजा रद्द करने की भी कोशिश की थी। पिछले साल प्रकाशित इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 275,000 छात्र चीन से आए थे।