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क्या कनाडा USA का 51वां राज्य बनेगा? ट्रम्प ने एक मैप पोस्ट कर छेड़ दी नई बहस, आंकड़ों से समझिए दोनों देशों में कैसे हैं रिश्ते

डोनाल्ड ट्रम्प कई मौके पर पहले भी कनाडा को USA का 51 वां राज्य बता चुके हैं। हालांकि, यह पहला मौका है जब कानाडाई नेताओं ने इसपर आपत्ति जताई है।

Last Updated- January 08, 2025 | 6:54 PM IST
Donald Trump
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प | फोटो: Shutterstock

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद बड़ा विवाद छिड़ गया है जिसमें उन्होंने पड़ोसी देश कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बताया। साथ ही ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर दो मैप शेयर करते हुए कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बताने की कोशिश की।

इसमें से एक मैप में संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा को कनाडा तक दिखाया गया जबकि दूसरे मैप में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के पूरे मैप पर USA का झंडा दिखाया गया।

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ट्रम्प के इस बयान के बाद कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आपत्ति जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। जस्टिन ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इस बात की कोई संभावना ही नहीं है कि कनाडा संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा बन जाएगा। दोनों देशों के श्रमिक और समुदाय के लोग एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापार और सुरक्षा साझेदार होने से लाभान्वित होते हैं।”


ट्रूडो के अलावा दूसरे कनाडाई नेताओं ने भी ट्रम्प के बयान पर आपत्ति जताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नव निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प की टिप्पणियों से पता चलता है कि उन्हें इस बात की पूरी तरह समझ नहीं है कि कनाडा को एक मजबूत देश क्या बनाता है। हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है, हमारे लोग मजबूत हैं और हम खतरों के सामने पीछे नहीं हटेंगे।”

इसके अलावा कनाडा की प्रमुख विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिएवे ने भी ट्रम्प के बयान को खारिज करते हुए कहा कि कनाडा कभी भी अमेरिका का 51 वां राज्य नहीं बन पाएगा।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बताया है। नवंबर 2024 में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद से ही ट्रम्प कई मौके पर कनाडा को अमेरिका का 51 वां राज्य बता चुके हैं। बीते दिसंबर में उन्होंने एक बार कहा था कि कनाडा अमेरिका का 51 वां राज्य है और ट्रूडो उसके गवर्नर हैं। यहां तक कि क्रिसमस के बधाई संदेश में भी उन्होंने ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर बताया था।

‘सैन्य नहीं आर्थिक ताकत से कनाडा को हासिल करेंगे’

बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने दावा किया था कि वह कनाडा को आर्थिक ताकतों की मदद से हासिल कर लेंगे। दरअसल, जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वह कनाडा को अमेरिका में मिलाने के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल करेंगे तो उन्होंने इसका उत्तर देते हुए कहा, “मैं कनाडा को अमेरिका में मिलाने के लिए आर्थिक बल का इस्तेमाल करूंगा। यह कनाडा और अमेरिका दोनों के लिए खास होगा। साथ ही यह दोनों देशों के बीच खींची गई कृत्रिम रेखा से भी छुटकारा दिलाएगा और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी सही होगा।” ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा था कि हमें भूलना नहीं चाहिए हम ही कनाडा की रक्षा करते  हैं।

‘कनाडा की सुरक्षा में 200 बिलियन डॉलर से अधिक का खर्च’

ट्रम्प ने अपने संबोधन में सवाल पूछते हुए कहा कि अमेरिका कनाडा की सुरक्षा में 200 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च क्यों कर रहा है।

उन्होंने कहा, “सोचिए, अगर अमेरिका कनाडा को सब्सिडी नहीं दे तो क्या होगा? हमारा अधिकार है हम उन्हें आर्थिक मदद न करें। हमारे ऊपर खुद 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। हमें इस कर्ज को बहुत जल्द खत्म करना है और इसके लिए काम करने जा रहे हैं। हमारी सेना का इस्तेमाल वह कर रहे हैं। उन्हें तो हमारा एक राज्य होना चाहिए।”

ट्रम्प ने आगे कहा, “वे हमें बहुत सारी ऐसी चीजें बेचते हैं जिसकी हमें जरूरत ही नहीं है। वे हमें कार बेचते हैं, दूध बेचते हैं और भी बहुत सारी चीजें बेचते हैं, जो हमारे पास पहले से उपलब्ध है। हमें इसमें से किसी भी चीज की जरूरत नहीं है।”

क्या है अमेरिका-कनाडा का हिसाब-किताब

यूनाइटेड स्टेट ट्रेड स्टेट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में कनाडा के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का अनुमानित व्यापार लगभग 908.9 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था। इसमें अमेरिका ने 427.7 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था, जबकि 481.2 बिलियन डॉलर का आयात किया गया ।

2022 में कनाडा को यू.एस. वस्तुओं का निर्यात 356.5 बिलियन डॉलर था, जो 2021 से 15.1 प्रतिशत (46.8 बिलियन डॉलर) और 2012 से 22 प्रतिशत अधिक था। 2022 में कनाडा से यू.एस. वस्तुओं का आयात कुल 436.6 डॉलर बिलियन था, जो 2021 से 22.2 प्रतिशत (79.3 बिलियन डॉलर) और 2012 से 35 प्रतिशत अधिक था।

फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने धमकी भी दी है कि अगर कनाडा और मैक्सिकों अवैध प्रवास और सीमा पार से नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं, तो वे कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सभी सामानों पर 25% का व्यापक टैरिफ लगा देंगे।

हालांकि, अगर ट्रम्प इस तरह का कोई फैसला लेते हैं तो वह संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) का उल्लंघन करेंगे, जो 1 जुलाई, 2020 को लागू हुआ था। यह तीन देशों के बीच बड़े पैमाने पर फ्री ट्रेड को नियंत्रित करता है और पहले के उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (NAFTA) की जगह पर इसे लाया गया था।

USA कनाडा से अर्थव्यवस्था, सैन्य ताकत में बहुत आगे

वर्तमान समय में अमेरिका की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 29.17 ट्रिलियन डॉलर है। इसके मुकाबले, कनाडा की अर्थव्यवस्था छोटी है, जिसका GDP करीब 2.21 ट्रिलियन डॉलर है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था अधिक विविधतापूर्ण है, जिसमें तकनीकी, वित्तीय और सेवाओं के क्षेत्र प्रमुख हैं, जबकि कनाडा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधनों, जैसे तेल, गैस और खनिजों पर निर्भर है। (डाटा: IMF)

अगर बात सैन्य ताकत की करें तो साल 2023 में, अमेरिका अपने सैन्य खर्च में लगभग 916 बिलियन डॉलर खर्च करता है, जो दुनिया के कुल सैन्य खर्च का 40% से अधिक है। इसका मतलब है कि अमेरिका के पास एक अत्याधुनिक और वैश्विक स्तर पर तैनात सैन्य बल है। वहीं, कनाडा का सैन्य खर्च करीब 28.5 बिलियन डॉलर है, जो अमेरिका के मुकाबले काफी कम है। हालांकि, कनाडा की सेना भी सक्षम है, लेकिन उसका बजट अमेरिका के मुकाबले छोटा है।

कनाडा क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 9.98 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। वहीं, अमेरिका का क्षेत्रफल 9.83 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो कनाडा से थोड़ा कम है। हालांकि, अमेरिका की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण उसका जनसंख्या घनत्व कनाडा के मुकाबले अधिक है।

अमेरिका और कनाडा के बीच रक्षा सहयोग

अमेरिका और कनाडा के बीच रक्षा संबंधों को लेकर सबसे प्रमुख समझौता NORAD है, जो साल 1958 में हुआ था। NORAD (North American Aerospace Defense Command) के तहत दोनों देश मिलकर उत्तरी अमेरिका के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं। NORAD का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार का हवाई या मिसाइल खतरा समय रहते पहचाना और नष्ट किया जा सके। इसके अलावा  दोनों देश नाटो (NATO) के सदस्य भी हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है और NATO के सदस्य देशों की रक्षा करता है।

अमेरिका कनाडा को अपनी सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण मानता है, और कनाडा भी अमेरिका को अपना एक मजबूत साझेदार मानता है। (सोर्स: NORAD)

अमेरिका और कनाडा में कैसे होते हैं चुनाव

अमेरिका और कनाडा दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं, लेकिन दोनों देशों की चुनाव प्रणाली में कई बड़े अंतर हैं। दोनों देशों में चुनावों के राष्ट्र प्रमुखों का चुनाव आम जनता द्वारा ही किया जाता है, लेकिन इनकी प्रक्रिया और संविधान में भिन्नताएं हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति प्रणाली अपनाई जाती है। यहां राष्ट्रपति का चुनाव हर चार साल में होता है, और इसे चुनावी कॉलेज (Electoral College) के माध्यम से चुना जाता है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधियों से वोट मिलते हैं, और जिनके पास सबसे अधिक प्रतिनिधि होते हैं, वह राष्ट्रपति बनता है। इसके अलावा, अमेरिका में कांग्रेस भी होती है, जिसमें दो सदन होते हैं – सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव्स। सीनेट के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं, जबकि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के सदस्य दो साल के लिए चुने जाते हैं।

कनाडा में संसदीय प्रणाली है, जो ब्रिटिश प्रणाली से प्रेरित है। यहां पर प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता। प्रधानमंत्री वह व्यक्ति होते हैं, जो संसद में सबसे बड़ी पार्टी के नेता होते हैं। कनाडा में दो सदनों वाली संसद होती है – हाउस ऑफ कॉमन्स और सीनेट। हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि सीनेट के सदस्य कनाडा के गवर्नर जनरल द्वारा प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नियुक्त किए जाते हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति और कांग्रेस दोनों के लिए चुनाव होते हैं, जबकि कनाडा में प्रधानमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। इसके अलावा, अमेरिका में चुनावी कॉलेज की प्रक्रिया है, जो कनाडा में नहीं है।

क्या कनाडा को अमेरिका में मिलाने का प्रयास हुआ है

कनाडा देश का गठन ही अमेरिकी आक्रमण के खतरे की वजह से हुआ था। अमेरिका ने पहले कनाडाई क्षेत्र पर आक्रमण करने की कोशिश की थी, जो तब विभाजित ब्रिटिश उपनिवेशों का एक समूह हुआ करता था। 19वीं सदी में अमेरिका में “मैनिफेस्ट डेस्टिनी” (Manifest Destiny) नामक एक विचार सामने आया, जिसमें यह माना जाता था कि अमेरिका का विस्तार पूरे महाद्वीप पर होना चाहिए। कुछ लोगों का मानना था कि कनाडा को अमेरिका में शामिल करना भी इस विचार का हिस्सा हो सकता था। हालांकि, यह कभी वास्तविकता में नहीं बदला और कनाडा ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखी।

इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन के बीच 1812 में युद्ध हुआ था, जिसमें कनाडा ब्रिटेन का हिस्सा था। इस युद्ध के दौरान कुछ अमेरिकी नेताओं ने कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने की बात की थी, ताकि ब्रिटेन से मुक्त किया जा सके। हालांकि, यह युद्ध ब्रिटेन और अमेरिका के बीच बिना निर्णायक जीत के समाप्त हो गया और कनाडा अमेरिका का हिस्सा नहीं बन पाया।

साल 1867 में ब्रिटेन से कनाडा को स्वतंत्रता मिल गई और यह  एक संघीय राष्ट्र बना। इसके बाद से कनाडा की अपनी राजनीतिक पहचान और संप्रभुता रही है, और इसने कभी भी अमेरिका में मिलाने का विचार अपनाया नहीं। 1980 के दशक में कनाडाई प्रधानमंत्री ब्रायन मुल्रोनी ने अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) स्थापित किया। हालांकि, उन्हें अपने देश में भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। यह 1989 में प्रभावी हुआ था।

First Published - January 8, 2025 | 6:37 PM IST

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