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बैंकिंग साख: बैंकों के ‘अच्छे दिन’ आखिर कब तक बने रहेंगे

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में 40.56 प्रतिशत बढ़कर 2.29 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया।

Last Updated- August 23, 2023 | 9:43 PM IST
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के बदलते आयाम, Banking Credit: Changing Dimensions of the Indian Banking Sector
BS

देश के 32 सूचीबद्ध निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में 40.56 प्रतिशत बढ़कर 2.29 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया। दोनों तरह के बैंकों ने शुद्ध लाभ दर्ज करने में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है और कुछ बैंकों ने तो अपना अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया है।

जमाओं के एक बड़े हिस्से की कीमत फिर से तय होने के साथ ही शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के बीच का अंतर कम होना तय है जो बैंक जमाकर्ताओं को किए जाने वाले भुगतान और ऋण पर कमाई जाने वाली रकम है। ऋण दरों में वृद्धि से खुदरा और सूक्ष्म, लघु तथा मझोले स्तर के उद्यमों को दिए जाने वाले ऋण की गुणवत्ता में कुछ परेशानी आ सकती है। सुधार की रफ्तार भी कम होने की संभावना है जो शुद्ध मुनाफे में योगदान देने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इस क्षेत्र ने शानदार प्रदर्शन किया है।

चार बैंकों (बंधन बैंक, धनलक्ष्मी बैंक , सिटी यूनियन बैंक और पंजाब ऐंड सिंध बैंक) को छोड़कर, सभी सूचीबद्ध बैंकों ने अपनी जून तिमाही के शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर (अप्रैल-जून 2022 की तुलना में अप्रैल-जून 2023 में) वृद्धि दर्ज की है। निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध लाभ करीब 30 प्रतिशत बढ़कर 11,952 करोड़ रुपये हो गया जबकि आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 9,648 करोड़ रुपये हो गया।

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वहीं ऐक्सिस बैंक का मुनाफा 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 5,797 करोड़ रुपये हो गया है। कोटक महिंद्रा बैंक का 67 प्रतिशत बढ़कर 3,452 करोड़ रुपये और इंडसइंड बैंक लिमिटेड का मुनाफा 32 प्रतिशत बढ़कर 2,124 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड का मुनाफा 61 प्रतिशत बढ़कर 765 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

पीएसबी में देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध तिमाही लाभ 178 प्रतिशत बढ़कर 16,884 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 88 फीसदी बढ़कर 4,070 करोड़ रुपये और केनरा बैंक का शुद्ध लाभ 75 प्रतिशत बढ़कर 3,535 करोड़ रुपये रहा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 108 प्रतिशत बढ़कर 3,236 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ 176 फीसदी बढ़कर 1,551 करोड़ रुपये हो गया।

पंजाब नैशनल बैंक का शुद्ध लाभ तीन गुना बढ़कर 1,255 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल में सामूहिक तौर पर निजी बैंकों का तिमाही शुद्ध लाभ 38 प्रतिशत बढ़कर 39,200 करोड़ रुपये और पीएसबी का शुद्ध लाभ 125 प्रतिशत बढ़कर 34,418 करोड़ रुपये हो गया। कुल मिलाकर उद्योग का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 68.5 प्रतिशत बढ़कर 73,618 करोड़ रुपये रहा।

बंधन बैंक को छोड़कर, सभी बैंकों ने अपने परिचालन मुनाफे में वृद्धि दर्ज की है और यह 1.5 प्रतिशत के मामूली स्तर से लेकर (तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड) 173 प्रतिशत के (यूको बैंक) अधिकतम स्तर तक रहा है। यूको बैंक के अलावा, पांच अन्य पीएसबी ने अपने परिचालन मुनाफे में कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसमें एसबीआई ने 98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

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कोटक महिंद्रा बैंक 78 प्रतिशत परिचालन लाभ वृद्धि के साथ निजी बैंकों के समूह में सबसे आगे है जबकि तीन अन्य (आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड और ऐक्सिस बैंक) बैंकों ने कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कुल मिलाकर उद्योग की परिचालन लाभ वृद्धि, शुद्ध मुनाफे में वृद्धि की तुलना में कम है जो 68.5 प्रतिशत की तुलना में 42.7 प्रतिशत है।

परिचालन लाभ, शुद्ध लाभ के अनुरूप नहीं बढ़ा है। अगर उच्च शुद्ध लाभ में योगदान देने वाला मुख्य कारक पर गौर किया जाए तो इसका संबंध प्रावधान में लाई गई कमी से है और यह विशेष रूप से पीएसबी के लिए। यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़कर एसबीआई सहित अन्य सरकारी बैंकों ने इस तिमाही में कम ही प्रावधान दिया है। निजी बैंकों द्वारा किए गए प्रावधान में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन पूरे उद्योग के लिए इसमें 11 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है क्योंकि पीएसबी का प्रावधान 20 प्रतिशत तक कम हो गया है।

इनमें से ज्यादातर बैंक फंसे कर्ज के लिए कम पैसा अलग रख सकते थे क्योंकि उनका एनपीए यानी फंसे हुए कर्ज का स्तर लगातार घट रहा है। पीएसबी ने सालाना और तिमाही आधार पर (मार्च तिमाही की तुलना में जून तिमाही में) अपने सकल एनपीए में गिरावट दर्ज की है।

सभी निजी बैंकों के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। सिटी यूनियन बैंक ने सालाना और तिमाही आधार पर सकल एनपीए में वृद्धि दर्ज की है जबकि बंधन बैंक, कैथलिक सीरियन बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक और फेडरल बैंक ने प्रत्येक तिमाही के आधार पर सकल एनपीए में वृद्धि दर्ज की है। पीएसबी के सभी बैंकों का शुद्ध एनपीए प्रावधान के बाद सालाना आधार पर कम हुआ है, लेकिन एसबीआई और पंजाब ऐंड सिंध बैंक के मामले को देखें तो इनमें तिमाही आधार पर मामूली वृद्धि हुई है। इसके बावजूद एसबीआई के साथ-साथ इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध एनपीए 1 फीसदी से भी कम है।

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निजी क्षेत्र के जिन बैंकों में एक प्रतिशत से भी कम शुद्ध एनपीए है उनमें ऐक्सिस बैंक, कैथलिक सीरियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, आईडीबीआई बैंक और फेडरल बैंक शामिल हैं जबकि येस बैंक लिमिटेड और आरबीएल बैंक का शुद्ध एनपीए सिर्फ एक-एक प्रतिशत है।

बंधन बैंक और तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक को छोड़कर हर सूचीबद्ध बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) तिमाही के दौरान बढ़ी है। ऋण वृद्धि बढ़ने के साथ ही इनमें से कुछ ने अपने एनआईआई में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की है। आईडीबीआई बैंक के एनआईआई में 61 प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और साउथ इंडियन बैंक में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

पीएसबी में, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 48 प्रतिशत की अधिकतम एनआईआई वृद्धि दर्ज की है जबकि बैंक ऑफ इंडिया की 45 प्रतिशत वृद्धि रही है। उद्योग की एनआईआई वृद्धि 26 प्रतिशत रही है जो निजी बैंकों के साथ-साथ सरकारी बैंकों, दोनों के लिए लगभग समान है।

First Published - August 23, 2023 | 9:43 PM IST

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