कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव करने को लेकर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह निर्वाचन आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘व्यवस्थित साजिश’ का हिस्सा है। खरगे ने यह भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग की निष्ठा को जानबूझकर खत्म किया जाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
सरकार ने चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज तथा उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोक दिया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके। निर्वाचन आयोग (ईसी) की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे गए ‘कागजात’ या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है।