कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में गुरुवार को फैसला किया गया कि पार्टी में व्यापक संगठनात्मक सुधार तथा पुनर्गठन का काम तत्काल शुरू किया जाएगा और साल भर तक देश भर में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान चलाया जाएगा। बैठक के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में दो प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें एक प्रस्ताव महात्मा गांधी पर और दूसरा राजनीतिक है। वेणुगोपाल ने कहा, ‘वर्ष 2025 का साल संगठन में व्यापक बदलाव का होगा। हम व्यापक संगठनात्मक सुधार करेंगे। यह काम तत्काल शुरू होगा।’
उन्होंने बताया कि दिसंबर से ही ‘जय बापू, जय भीम और जय संविधान’ अभियान शुरू होगा जो अगले एक साल तक चलेगा। वेणुगोपाल के अनुसार, इस अभियान के तहत पदयात्रा होगी तथा जिला और राज्य स्तर पर जनसभाओं का आयोजन होगा। उन्होंने कहा, ‘इस अभियान में हम संविधान पर हमले की बात उठाएंगे। इसके साथ महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी उठाएंगे।’ वेणुगोपाल ने बताया कि अप्रैल में महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर (गुजरात) में कांग्रेस का सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
आखिरी दम तक लड़ेंगे : खरगे
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा तथा बाबासाहेब के सम्मान के लिए आखिरी दम तक लड़ेगी। उन्होंने सीडब्ल्यूसी बैठक में यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का विश्वास धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, क्योंकि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का यह भी कहना था कि वर्ष 2025 कांग्रेस के संगठन के सशक्तीकरण का साल होगा तथा सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा और ‘उदयपुर’ के संकल्प को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
उन्होंने राज्य सभा में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमने संसद सत्र में संविधान के ऊपर चर्चा के दौरान डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में गृह मंत्री का घोर अपमानजनक बयान सुना। हमने आपत्ति दर्ज की, विरोध जताया, प्रदर्शन किया। अब पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।’
खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्री के बचाव में प्रधानमंत्री ने बयान जारी किया। राहुल गांधी पर झूठा मामला दर्ज करा दिया, परंतु हम किसी से डरने वाले नहीं हैं, नाही झुकेंगे। हम नेहरू-गांधी की विचारधारा और बाबासाहेब के सम्मान के लिए आख़िरी दम तक लड़ेंगे।’
उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे का भी आरोप लगाया और कहा, ‘संवैधानिक संस्थाओं को नियंत्रित किया जा रहा है, मिसाल के तौर पर भारतीय निर्वाचन आयोग को ही देखें, तो यही मालूम होता है कि इनके मन में संवैधानिक संस्थाओं के लिए कोई आदर नहीं है, ये सब पर कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए हमें यह लड़ाई लगातार लड़नी पड़ेगी।’ उनके मुताबिक, चिंता की बात यह है कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों की आस्था कम होती जा रही है, क्योंकि आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किसानों के आंदोलन का उल्लेख किया और कहा कि इस सरकार में अन्नदाता का दुःख-दर्द समझने वाला कोई नहीं है।
बैठक के दौरान ‘भारत के गलत मानचित्र’ पर विवाद
कर्नाटक के बेलगावी में 1924 के कांग्रेस अधिवेशन की शताब्दी मनाने के लिए कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टर पर भारत के मानचित्र को कथित रूप से गलत तरीके से प्रदर्शित करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की ‘वोट बैंक’ की राजनीति करार दिया है। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शताब्दी समारोह के जश्न के तहत पूरे बेलगावी शहर में ये पोस्टर लगाए हैं। भाजपा के अनुसार, पोस्टर पर प्रदर्शित भारत के मानचित्र में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित क्षेत्र के साथ-साथ वर्तमान में चीनी प्रशासन के अधीन अक्साई चिन क्षेत्र को भी शामिल नहीं किया गया है, जो जम्मू और कश्मीर के अभिन्न अंग हैं। भाजपा की राष्ट्रीय इकाई ने इस नक्शे को लेकर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की।
कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन से निकलवाने की धमकी
आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगामी दिल्ली विधान सभा चुनाव में ‘आप’ की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा से मिलीभगत करने का आरोप लगाया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि कांग्रेस की हरकतों की वजह से इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन की एकता को नुकसान हो रहा है। ‘आप’ ने माकन और कांग्रेस के अन्य नेताओं के खिलाफ 24 घंटे में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर निकालने के लिए दबाव बनाएगी।
‘बापू की विरासत को सत्ता में बैठे लोगों से खतरा’
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश की सत्ता में बैठे लोगों से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति को भेजे पत्र में इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए अपने संकल्प को फिर से दोहराने का आह्वान भी किया। सोनिया इस बैठक में उपस्थित नहीं हो सकीं और उन्होंने पत्र में इस पर अफसोस भी जताया।
सोनिया ने पत्र में कहा, ‘ठीक 100 साल पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन इसी स्थान पर हुआ था। इसलिए, यह उचित ही है कि आप महात्मा गांधी नगर में एकत्र हुए हैं। उस समय महात्मा गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना हमारी पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्त्वपूर्ण मोड़ था। यह हमारे देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर था।’ सोनिया ने आरोप लगाया कि बापू की विरासत को नई दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों और उन्हें पोषित करने वाली विचारधाराओं एवं संगठनों से खतरा है।
सोनिया ने दावा किया, ‘इन संगठनों ने कभी भी हमारी आजादी के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया। उन्होंने एक विषाक्त माहौल बनाया, जिसके कारण उनकी हत्या हुई। वे बापू के हत्यारे का महिमामंडन करते हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि देश भर में विभिन्न स्थानों पर गांधीवादी संस्थानों पर हमले हो रहे हैं। सोनिया ने कहा, ‘इसलिए यह भी उचित है कि इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ कहा जाए।’