कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के एक दिन बाद पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने रविवार को यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बने रहने का संकेत दिया कि वह सभी को साथ लेकर चले और उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ उनका मतभेद होने की अटकलों को भी खारिज किया। यहां नोनवीनकेरे में पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस और विधायक दल कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला लेंगे।
जनता द्वारा पसंद किए जाने वाले लोगों के बजाय मेहनत करने वाले लोगों को तरजीह दिए जाने के सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की शिकस्त के बाद सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने क्रमश: कांग्रेस विधायक दल के नेता तथा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तो कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था तथा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।
शिवकुमार ने यह भी कहा कि जब वह मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में जेल में बंद थे, तो सोनिया गांधी अपना समर्थन जताने के लिए उनसे मिलने आयी थीं।
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कनकपुरा से विधानसभा चुनाव जीतने वाले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी को साथ लेकर चलते हुए दिन-रात मेहनत की है। उन्होंने कहा, ‘हर कोई कह रहा है कि मेरे और सिद्धरमैया के बीच मतभेद हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि रत्ती भर भी मतभेद नहीं है। मैंने किसी को मौका ही नहीं दिया। मैंने अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ रखा तथा अपने रास्ते पर चलता गया।’
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा की 224 में से 135 सीट जीतकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर कर दिया। भाजपा ने महज 66 सीट पर जीत दर्ज की।