No Confidence Motion: विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे को लेकर सदन में लगातार हंगामा कर रहे हैं। आज संसद के मॉनसून सत्र का चौथा दिन है और विपक्षी दल मोदी सरकार से मणिपुर मुद्दे पर व्यापक चर्चा को लेकर हंगामा कर रहे हैं। संसद में ‘जवाब दो-जवाब दो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ जैसे नारे लगाए गए, जदिसके कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को संसद स्थगित करनी पड़ी।
मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वह चर्चा होने दे और सच्चाई सामने आने दे।
इस बीच समाचार एजेंसी PTI के हवाले से खबर आ रही है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के कुछ घटक दल लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) का नोटिस दे सकते हैं।
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‘INDIA’ के घटक दलों के नेताओं की मंगलवार सुबह हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) का नोटिस दिए जाने के संदर्भ में चर्चा की गई।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खरगे के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) के राघव चड्ढा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टीआर बालू, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज झा और कई अन्य नेता शामिल हुए।
PTI (भाषा) ने बताया कि मणिपुर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संसद के भीतर बयान देने का दबाव बनाने के कई विकल्पों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव ही सबसे कारगर रास्ता होगा जिसके जरिये सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विवश किया जा सकेगा। विपक्ष से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्यसभा के भीतर भी मणिपुर के विषय को लेकर सरकार को घेरने का सिलसिला जारी रहेगा।
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मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो बीते बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।