एक स्थानीय अदालत ने तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा। सेशन कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस अली ने उस सरकारी अस्पताल का दौरा किया जहां बालाजी को आज सुबह आदेश जारी होने से पहले भर्ती कराया गया था।
बालाजी के ठिकानों पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापे मारे थे और उसके बाद एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले पुलिस और ED को नौकरियों के लिए नकदी लेने से जुड़े घोटाले की जांच की अनुमति दी थी।
बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं। उन्होंने बताया कि काफी देर तक पूछताछ करने के बाद बालाजी (47) को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले असहज महसूस करने के बाद बालाजी को बुधवार सुबह शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, हालांकि तब भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अस्पताल में बालाजी का बुधवार को ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ किया गया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने भाजपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री स्टालिन ने बुधवार को ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बालाजी से मुलाकात की थी। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने बालाजी के खिलाफ ईडी द्वारा की गई छापेमारी को ‘डराने-धमकाने की राजनीति’ करार दिया था।
स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बुधवार को निशाना साधा और कहा कि उनके मंत्री व उनकी पार्टी इस मामले का सामना कानूनी रूप से करने को तैयार है।
स्टालिन ने पूछताछ के नाम पर ED अधिकारियों पर ‘नाटक करने’ और बालाजी को ‘शारीरिक तथा मानसिक रूप से परेशान’ करने का आरोप लगाया।
भाजपा की राज्य इकाई ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के बदले की कार्रवाई के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि ईडी का कदम नौकरियों के लिए नकदी घोटाले की चल रही जांच का हिस्सा था, जिसमें कथित रूप से बालाजी शामिल थे।
ED ने मनी लॉन्डरिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ED को बालाजी के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी, जिसके कुछ महीने बाद यह कार्रवाई की गई।
इससे पहले, बालाजी ने बेचैनी होने की शिकायत की थी जिसके बाद बुधवार सुबह उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राज्य के मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने दावा किया कि ऐसे ‘संकेत’ मिले हैं कि बालाजी को ‘प्रताड़ित’ किया गया है।
बाबू ने पत्रकारों से कहा, ‘बालाजी ICU में हैं। वह अचेत अवस्था में थे और जब उनका नाम लेकर पुकारा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वह (डॉक्टरों की) निगरानी में हैं… उनके कान के पास सूजन है।
डॉक्टरों का कहना है कि (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) में उतार-चढ़ाव है… ये सभी उन्हें प्रताड़ित किए जाने के संकेत हैं।’ वहीं, टेलीवीजन चैनल पर दिखाए जा रहे वीडियो में शहर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में लाए जाने के दौरान बालाजी असहज नजर आ रहे थे।
ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निदेशक की ओर से जारी ‘मेडिकल बुलेटिन’ के अनुसार, बालाजी का 14 जून सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ किया गया।