वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति द्वारा यह प्रस्ताव किए जाने की संभावना है कि मौजूदा ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ संपत्ति, विवाद में नहीं होने या सरकारी सुविधा के अंतर्गत आने की स्थिति में बनी रहेगी। समिति ने सोमवार को हुई एक बैठक में भाजपा के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था और उन्होंने दावा किया कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के ‘दमनकारी’ चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर जोरदार विरोध किया और उन पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘चोट’ पहुंचाने का आरोप लगाया। सूत्रों ने बताया कि समिति बुधवार को रिपोर्ट स्वीकार करेगी, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और एआईएमआईएम जैसे विपक्षी दलों के सदस्य अपनी असहमति जता सकते हैं।