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अवैध भारतीय प्रवासियों का विमान सिर्फ अमृतसर में ही क्यों लैंड हो रहा है? भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

119 निर्वासित भारतीयों को लेकर C-17 अमेरिकी सैन्य विमान शनिवार को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला है।

Last Updated- February 15, 2025 | 1:37 PM IST
Bhagwant Mann
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमेरिका से भारत लाए जा रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अमृतसर को इन निर्वासन उड़ानों (Deportation Flights) के लिए लैंडिंग साइट बनाकर जानबूझकर पंजाब की छवि खराब कर रही है।

बता दें कि 119 निर्वासित भारतीयों को लेकर C-17 अमेरिकी सैन्य विमान शनिवार को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला है। इन प्रवासियों में 67 पंजाब से, 33 हरियाणा से, 8 गुजरात से, 3 उत्तर प्रदेश से, 2-2 गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से, और 1-1 हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से हैं।

पिछले हफ्ते 104 भारतीयों के निर्वासन के बाद से ही देश में वाद-विवाद का दौर चल रहा है, जब उन भारतीयों को जंजीरों और हथकड़ियों में जकड़ कर भारत भेजा गया था। इस अमानवीय व्यवहार को लेकर देशभर में भारी आक्रोश और राजनीतिक बहस छिड़ गई थी।

‘केंद्र सरकार पंजाब को बदनाम कर रही है’

भगवंत मान ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर अमृतसर को ही बार-बार निर्वासन उड़ानों के लिए क्यों चुना जा रहा है? उन्होंने इसे एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश बताया।

मान ने सवाल किया, “एक और विमान, जिसमें वे भारतीय नागरिक होंगे जो कथित रूप से अवैध तरीके से अमेरिका गए थे, कल अमृतसर में उतरेगा। विदेश मंत्रालय को यह बताना चाहिए कि अमृतसर को इस लैंडिंग के लिए किस आधार पर चुना गया। आप अमृतसर को चुनकर पंजाब को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिल रहे थे, तब हमारे लोगों को जंजीरों में जकड़ा जा रहा था। क्या यही ट्रंप का भारत को दिया गया तोहफा है?”

पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार पंजाब के खिलाफ भेदभाव करती है और हर मौके पर राज्य की छवि धूमिल करने की कोशिश करती है।

उन्होंने कहा, “बीजेपी सरकार हमेशा पंजाब के साथ भेदभाव करती है। वे पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यह एक साजिश का हिस्सा है, जिसके तहत पंजाब को टारगेट किया जा रहा है।”

बीजेपी का मान पर राजनीति करने का आरोप

बीजेपी ने भगवंत मान के आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया।

बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने से बचना चाहिए। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता देश की सुरक्षा की परवाह नहीं करते, वे सिर्फ राजनीति करते हैं।”

हालांकि, भगवंत मान ने जोर देकर कहा कि निर्वासित लोगों में बड़ी संख्या में गुजरात और हरियाणा के लोग भी हैं, लेकिन मुख्य रूप से पंजाबियों को ही निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “क्या आपने राष्ट्रीय मीडिया पर गुजरात के निर्वासित लोगों का कोई इंटरव्यू देखा? केवल पंजाब के युवाओं के इंटरव्यू दिखाए जा रहे हैं। कल भी आप वहां जाकर सिर्फ पंजाब के युवाओं का इंटरव्यू लेंगे। हम इस बात का कड़ा विरोध करते हैं कि यह विमान अमृतसर में लैंड कराया जा रहा है।”

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अवैध प्रवास का मुद्दा केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की समस्या है, लेकिन केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब को टारगेट कर रही है।

“यह एक सोची-समझी चाल है, ताकि ऐसा लगे कि केवल पंजाब के लोग ही अवैध रूप से विदेश जाते हैं।”

मान ने केंद्र की चुप्पी पर उठाए सवाल

भगवंत मान ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई और जवाब देने की मांग की।

मान ने कहा, “क्या यही राजनीति है? आप ही बताइए। हम राजनीति में हैं और इसी आधार पर जनता ने हमें चुना है, हम कोई एनजीओ (NGO) नहीं हैं। अगर अपने युवाओं और बच्चों के सम्मान की चिंता करना राजनीति है, तो मैं यह 24×7 करूंगा।”

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि निर्वासित भारतीयों को ले जाने वाले विमान अन्य बड़े हवाई अड्डों पर क्यों नहीं उतर सकते?

मान ने पूछा, “अगर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का विमान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतर सकता है, और फ्रांस से आए राफेल फाइटर जेट हरियाणा के अंबाला में उतर सकते हैं, तो निर्वासित भारतीयों को ले जाने वाला विमान राष्ट्रीय राजधानी में क्यों नहीं उतर सकता?”

राज्यसभा में पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने निर्वासन मामले पर केंद्र सरकार का बचाव किया।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने नागरिकों को वापस ले, यदि वे अवैध रूप से विदेश में रह रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये निर्वासन अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा तय मानकों के तहत किए गए हैं, जो 2012 से लागू हैं।

First Published - February 15, 2025 | 1:37 PM IST

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