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पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में दिख रही बढ़त की उम्मीद

मांग और आपूर्ति के बीच अंतर है, खास तौर पर बिजली के संबंध में तथा निजी उद्यमों सहित बेहतर मूल्य निर्धारण और मजबूत ऑर्डर प्रवाह भी दिख रहा है।

Last Updated- December 07, 2023 | 10:34 PM IST
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भाजपा के अनुकूल रहे विधानसभा चुनाव परिणामों ने पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के संबंध में मौजूदा आशावाद को बढ़ा दिया है। राजनीतिक निरंतरता की संभावनाओं ने इस क्षेत्र में नए सिरे से रुचि पैदा की।

मांग और आपूर्ति के बीच अंतर है, खास तौर पर बिजली के संबंध में तथा निजी उद्यमों सहित बेहतर मूल्य निर्धारण और मजबूत ऑर्डर प्रवाह भी दिख रहा है। धीमी वैश्विक मांग की वजह से जिंस के दाम अब भी औसत हैं। वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के नतीजों ने शेयर बाजार के अनुमानों को मात दी।

पारेषण और वितरण (टीऐंडडी) उपकरण की मांग में उछाल नजर आई है तथा एलऐंडटी ने पश्चिम एशिया में विदेशी हाइड्रोकार्बन परियोजनाओं में बड़े ऑर्डर दर्ज किए है।

इस बात को देखते हुए कि अधिकांश कंपनियों के पास वित्त वर्ष 24 के उनके अनुमानित राजस्व से दोगुना ऑर्डर बचा हुआ है, कमाई और राजस्व की परिदृश्यता कम से कम वित्त वर्ष 2016 तक अच्छी है। एबीबी, थर्मैक्स और कमिंस के राजस्व में सुधार हुआ है।

वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में एलऐंडटी की ऑर्डर बुक भी मजबूत दिखी है। पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में तेजी का माहौल है। इसलिए मूल्यांकन बढ़ा हुआ दिख सकता है।

एलऐंडटी को पूंजीगत व्यय में सुधार दिख रहा है। घरेलू और विदेशी दोनों ही ऑर्डर बढ़ रहे हैं। घरेलू पूंजीगत व्यय नीति आधारित है और इसका दायरा पानी, शहरी बुनियादी ढांचा, टीऐंडडी, रेलवे, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा तक फैला हुआ है। विदेशी पोर्टफोलियो में हाइड्रोकार्बन, टीऐंडडी और शहरी बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्र हैं। इसमें निजी क्षेत्र की भी कुछ रुचि है।

एलऐंडटी को अगले चार से पांच साल में राजस्व दोगुना होने की संभावना के साथ ऑर्डर प्रवाह में तेजी दिखेगी। 20 प्रतिशत से अधिक की संभावित वार्षिक वृद्धि के साथ शुद्ध लाभ तीन वर्षों में दोगुना होने के आसार हैं।

नाभा पावर जैसी परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण और हैदराबाद मेट्रो में संभावित विनिवेश या हिस्सेदारी बिक्री से और ज्यादा पूंजी निकलेगी तथा शुद्ध कार्यशील पूंजी की जरूरत कम होगी और इक्विटी पर प्रतिफल को बढ़ावा मिलेगा।

एबीबी को डेटा सेंटर और टीऐंडडी, इलेक्ट्रिक वाहन, रेलवे और पीएलआई की अगुआई वाले पूंजीगत व्यय में अवसर दिख रहा है, जो इसके औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स कार्यक्षेत्र के लिए राजस्व सृजित कर रहा है।

एबिटा और करोपरांत लाभ (पीएटी) में तकरीबन 30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 26 तक एबीबी का राजस्व पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। कंपनी टियर-4/5 शहरों में प्रवेश की संभावनाएं तलाश रही है।

थर्मैक्स को ऊर्जा परिवर्तन से लाभ होने की संभावना है और यह बायोमास, कचरे से ऊर्जा, सौर और रसायनों में विस्तार कर रही है। इसके पास हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए प्रौद्योगिकी गठजोड़ है और यह सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए अति-शुद्ध पानी के लिए उपकरण आपूर्ति करने पर विचार कर रही है। दो अंक की दमदार वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। इसकी मौजूदा ऑर्डर बुक 10,300 करोड़ रुपये की है और ग्रीन ऑर्डर का भी दबदबा है।

कमिंस एक अन्य ऐसी कंपनी है, जिसे डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की बिजली मांग से लाभ होना चाहिए और इस क्षेत्र में इसकी प्रीमियम ब्रांडिंग और अच्छी बाजार हिस्सेदारी है।

First Published - December 7, 2023 | 10:34 PM IST

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