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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख

पर्सनल लोन का लगता गया अंबार

आखिरकार, व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) एवं क्रेडिट कार्ड पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हरकत में आ ही गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को भले ही ऐसे ऋण को लेकर विशेष चिंता नहीं थी मगर आरबीआई किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता है। हाल ही में आरबीआई ने उपभोक्ता ऋण के मामले में बैंकों […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सैटेलाइट ब्रॉडबैंड में स्पेक्ट्रम का पेच

भारत व्यावसायिक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड संचार सुविधा शुरू करने के निकट पहुंच गया है। इस सेवा से देश के सुदूर स्थानों में बड़ी संख्या में रहने वाले लोगों तक इंटरनेट संपर्क आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उसे व्यावसायिक शुरुआत के लिए सभी आवश्यक मंजूरी […]

आज का अखबार, लेख

जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में वित्तीय संसाधन का ढांचा

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए आर्थिक संसाधनों पर दुनिया के देशों के समक्ष नया नजरिया रखने की दिशा में भारत को प्रयास करने चाहिए। बता रहे हैं किरीट पारिख और ज्योति पारिख जलवायु परिवर्तन पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप 28) के अध्यक्ष ने जलवायु परिवर्तन से निपटने […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: इजरायल और हमास के बीच ​सुलह नहीं, संघर्ष विराम

यह सही है कि दुनिया भर के नेताओं ने इजरायल और हमास के बीच चार दिवसीय संघर्ष विराम का स्वागत किया है लेकिन ऐसा लगता नहीं कि यह दोनों पक्षों के बीच छिड़ी लड़ाई में दीर्घकालिक शांति ला पाएगा। बंदियों की अदला-बदली और संघर्ष का केंद्र बनी गाजापट्‌टी में मानवीय सहायता पहुंचाने को लेकर हुए […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: शेयर बाजार में सूचीबद्धता की होड़

टाटा टेक्नॉलजीज की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में निवेशकों ने अच्छी खासी रुचि दिखाई है क्योंकि यह लगभग दो दशकों में इस समूह की ओर से पहली प्राथमिक बाजार पेशकश है। इस इश्यू के माध्यम से 475 से 500 रुपये प्रति शेयर की दर से करीब 3,042 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य है। […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकती हैं असमान वृद्धि

संपदा का एक स्थान पर केंद्रीकृत होना तथा असमानता में बढ़ोतरी होना आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं। यहां तक कि देश के मजबूत आर्थिक वृद्धि के प्रदर्शन के दौर में भी यह जारी रह सकता है। आंकड़े बताते हैं कि महामारी के बाद की सुधार प्रक्रिया में असमानता बढ़ी है। आय के निचले […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: PLI से परे नीति, IT हार्डवेयर्स के आयात को प्रतिबंधित करने की दूसरी भी वजह

सरकारी हस्तक्षेप हमेशा वांछित नतीजे नहीं देता। उदाहरण के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के सात उत्पादों को प्रतिबंधित सूची में डालेगी। इस योजना को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया और सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की लेकिन बाजार ने संभावित अनिश्चितता को […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: RBI द्वारा असुरक्षित जोखिम भार में बढ़ोतरी समय से पहले उठाया गया कदम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सप्ताह बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों दोनों के ​लिए उपभोक्ता ऋण जोखिम भार को 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी करने का निर्णय लिया है। यह समय से पहले उठाया गया कदम है। हालांकि इसमें आवास ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और सोने के बदले लिए गए ​ऋण […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: चुनावों में बड़े पैमाने पर धनबल

चुनाव के ठीक पहले लुभावने वादे करना भारतीय राजनीति में आम बात हो गई है। परंतु राजनीतिक दल और प्रत्याशी केवल उन वादों तक नहीं रुकते जिन्हें सरकारी खजाने से पूरा करना होता है क्योंकि शायद वे वादे चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। चुनाव प्रचार अभियानों में बहुत बड़े पैमाने पर धनराशि […]

आज का अखबार, संपादकीय

स्कूलों को बेहतर बनाएं

भारत में करीब 15 लाख स्कूलों का भारी भरकम नेटवर्क है जिसमें करीब 26 करोड़ छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शिक्षा का अधिकार, सर्व शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन जैसी सरकारी पहलों ने स्कूली शिक्षा तक पहुंच में महत्त्वपूर्ण सुधार किया है। बहरहाल, अभी भी बड़े पैमाने पर अंत:संबंधित चुनौतियां मौजूद हैं जिनमें शिक्षण नतीजे, शिक्षकों की […]

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