कॉर्पोरेट जगत ने पकड़ी क्षेत्रीय फिल्मों की पगडंडी
मराठी फिल्म ‘आमी सतपुत’ में सातों भाई अपने फार्महाउस के उत्पादों को बाजार में ले जाने के लिए टाटा ट्रक का इस्तेमाल करते हैं। ढाबे वाला भी अन्नपूर्णा ब्रांड के आटे से ही रोटियां बनाता हैं। हैरान होने की जरूरत नहीं है, अब कॉर्पोरेट जगत ने अपने उत्पादों के प्रचार के लिए क्षेत्रीय फिल्मों में […]
अब ‘ओरियंटेशन’ में लगेगा ज्यादा वक्त
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि प्रबंधन संस्थानों के मक्का कहे जाने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में भी अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण को अमल में लाया जाएगा। कोर्ट के इस फैसले को लागू किए जाने से प्रबंधन संस्थानों की बुनियादी सुविधाओं और वित्तीय पहलुओं पर खासा […]
ये हैं चांदी को चमकदार बनाने वाले जौहरी
राजस्थान के कई गांवों में आज भी औरतों के लिए चांदी के गहनें ही सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। इसलिए जब भी राजस्थानी महिलाओं के पास निवेश के लिए कुछ रुपये इकट्ठे होते हैं तो महिलाएं उन रुपयों से चांदी के गहनें ही खरीदती हैं और जब उन्हें पैसों की जरूरत होती है तो […]
बसों का कोई विकल्प नहीं
राजधानी दिल्ली के दक्षिणी इलाके में बनाया गया 5.6 किलोमीटर लंबा रोड कॉरिडोर का मामला अव्यवस्था जैसी स्थिति को दर्शाता है। बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटी) के तहत इस कॉरिडोर पर बीते रविवार से ट्रायल रन शुरू किया गया। इस बाबत किए गए प्रयोगों से साफ है कि इस परियोजना को लागू करवाने में जुटे […]
एचयूएल के ‘हिंदुस्तानी’ बनने की दास्तान
हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के 10 फीसद से भी ज्यादा प्रबंधक आज विभिन्न देशों में यूनिलीवर के लिए काम कर रहे हैं। यह एक पुख्ता वजह है, जिसके कायल होकर कुछ हफ्ते पहले एचयूएल की वार्षिक आम बैठक में चेयरमैन हरीश मनवानी को भी कहना पड़ा कि प्रबंधन और नेतृत्व से जुड़ी प्रतिभाओं के मामले में […]
संगठित रिटेल का बढ़ता रुतबा
पिछले कुछ हफ्तों से पूरे मुल्क का ध्यान विभिन्न राजनीतिक व आर्थिक हलचलों पर है। इनमें महंगाई, राजनीतिक उठापटक, आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव, रियल स्टेट और इक्विटी बाजार की बुरी हालत और इंडियन प्रीमियर लीग जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। इन तमाम घटनाओं की आंधी में मीडिया, राजनेता और गड़े मुर्दे उखाड़ने वाले विभिन्न लोगों […]
एसएमई आए जांच के घेरे में
डेरिवेटिव लेन-देन में मार्क-टु-मार्केट नुकसान उठाने वाली कंपनियों की सूची अस्पष्ट होने के कारण बैंक अब अपने कॉर्पोरेट बैंकिंग विभाग से उधार लेने वालों के बही-खातों की जांच करने को कह रहे हैं। इसके अतिरिक्त बैंक विदेशी मुद्रा में निवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी भी प्राप्त करने के प्रयास में जुटा है।एक वरिष्ठ बैंकर ने […]
टीसीएस-हालत खस्ता
यदि इन्फोसिस,विप्रो और सत्यम कम्यूटर के परिणामों पर नजर डाली जाय तो लगेगा कि अपने परिणामों में इन कंपनियों ने बाजार को समझाने का प्रयास किया है कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र के लिये हालात अभी इतने खराब नहीं हुए हैं। लेकिन टीसीएस के परिणाम आने के बाद ये सारी आशाएं धरी की धरी रह गयी। भारत […]
एनबीएफसी पर चल सकता है आरबीआई का डंडा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश की तमाम जमा राशि लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (डी-एनबीएफसी) पर अंकुश लगाने की जुगत में है। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर वी लीलाधर ने कहा था कि आरबीआई को अपनी नीतियों की समीक्षा करने की जरुरत है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि […]
बुजुर्गों को बेहतर बीमा सुविधाएं मिलें इसलिए पूल चाहती हैं बीमा कंपनियां
साधारण बीमा कंपनियों के अनुसार भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) को वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों के लिए एक पूल बनाना चाहिए। पिछले वर्ष ऐसा ही सुझाव नेशनल हाउसिंग बैंक के पूर्व अघ्यक्ष के एस शास्त्री के नेतृत्व वाली एक कमेटी ने भी दिया था।वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसी एवं स्वास्थ्य बीमा से जुड़े मसलों […]
