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Jet airways के ऋणदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह, शुरू हो समापन प्रक्रिया

अगली सुनवाई दो सप्ताह में निर्धारित की गई है और अदालत ने जालान कलरॉक कंसोर्टियम से जवाब मांगा है।

Last Updated- July 10, 2023 | 11:07 PM IST
Jet Airways Insolvency case: Jalan-Colrock gets more time to pay Rs 350 crore

जेट एयरवेज (Jet Airways) के ऋणदाताओं ने आज सर्वोच्च न्यायालय से ठप पड़ी विमानन कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (NCLT) द्वारा स्वीकृत समाधान योजना अव्यावहारिक है।

ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) का प्रतिनिधित्व करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि जालान कालरॉक कंसोर्टियम, जो विमानन कंपनी के लिए सफल बोलीदाता था, ने कंपनी में कोई धन नहीं लगाया।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) जेट एयरवेज का एयर ऑपरेटर प्रमाणपत्र का नवीनीकरण करने का इच्छुक नहीं था, जो मई में समाप्त हो गया था।

कंसोर्टियम विमान कंपनी में पैसा लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल

सीओसी वित्तीय लेनदारों (ऋणदाताओं) का वह समूह होता है, जो दिवाला प्रक्रिया में सभी हितधारकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
वेंकटरमन ने बताया कि कंसोर्टियम इस विमान कंपनी में पैसा लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है, इसके बावजूद उसे पंचाटों से कई बार विस्तार मिला।

उन्होंने कहा कि अगर सीओसी को अपना कोई भी बकाया वसूल करना है, तो कंपनी को परिसमापन से गुजरना होगा। परिसमापन ऋणदाताओं का पैसा चुकाने और कारोबार समाप्त करने के लिए परिसंपत्ति बेचने की प्रक्रिया होती है। अगली सुनवाई दो सप्ताह में निर्धारित की गई है और अदालत ने जालान कलरॉक कंसोर्टियम से जवाब मांगा है।

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (NCLAT) ने 26 मई को जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को ऋणदाताओं के हिस्से का भुगतान करने के लिए 107 दिन का समय दिया है। वह दिवालिया जेट एयरवेज का सफल बोलीदाता है।

आदेश में कहा गया है कि एसआरए (सफल बोलीदाता यानी जेकेसी) 175 करोड़ रुपये की पहली किस्त लगाने के लिए तैयार और इच्छुक है तथा एसआरए की प्रामाणिकता दिखाने के लिए सफल बोलीदाता 30 दिनों के भीतर 50 करोड़ रुपये लगाएगा और बाकी अनुमति के अनुसार मिले समय के भीतर।

जेकेसी को पहले ऋणदाताओं को बकाया भुगतान करने के लिए  180 दिन का समय दिया गया था

अदालत ने कहा कि इस समय तक (107 दिन, 30 अगस्त तक) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी तलब नहीं की जानी चाहिए। जेकेसी को पहले ऋणदाताओं को बकाया भुगतान करने के लिए 16 नवंबर, 2022 से 15 मई, 2023 तक 180 दिन का समय दिया गया था।

अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में तथ्यों और घटनाओं के क्रम पर विचार करने के बाद हमारी राय है कि एसआरए 16 नवंबर, 2022 से 3 मार्च, 2023 तक की अवधि से बाहर रखे जाने का हकदार है, जब इस पंचाट ने वर्तमान याचिका में ऋणदाताओं द्वारा की गई अंतरिम राहत की गुजारिश को नकारने का आदेश पारित किया था।

इसका मतलब यह है कि जेकेसी को ऋणदाताओं को बकाया जमा करने के लिए तीन महीने से अधिक का समय विस्तार मिला है क्योंकि 180 दिनों की अवधि से 107 दिनों को निकाल दिया गया है।

First Published - July 10, 2023 | 11:07 PM IST

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