गुजरात हाई कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ कमेंट से संबंधित क्रिमनल डेफमेशन केस में दोषी पाए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि वह गर्मियों की छुट्टियों के बाद अंतिम आदेश सुनाएंगे। गांधी (52) की ओर से पेश सीनियर काउंसिल अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद ‘तत्कालिकता’ का हवाला देते हुए अदालत से अंतरिम या अंतिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया।
न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने, हालांकि, कहा कि इस चरण में अंतरिम संरक्षण (interim protection) नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति प्रच्छक ने कहा कि वह रिकॉर्ड और कार्यवाही की अधिकृत (Authorized) रपट पढ़ने के बाद ही अंतिम आदेश सुनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने गर्मियों की छुट्टियों के बाद फैसला सुनाने की बात कही। गुजरात हाई कोर्ट में आठ मई से तीन जून तक ग्रीष्मावकाश है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात के विधायक एवं मामले के मूल शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश अधिवक्ता निरुपम नानावती ने गांधी को अंतरिम राहत देने के सिंघवी के अनुरोध का पुरजोर विरोध किया।
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इस मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया गया था। वह केरल की वायनाड संसदीय सीट से 2019 में निर्वाचित हुए थे। सेशन कोर्ट ने भी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ गांधी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।