Budget 2025 highlights: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में Budget 2025 पेश किया, जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्टार्टअप्स, कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बड़े ऐलान किए गए। ये बजट न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने वाला है, बल्कि आम लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने का वादा करता […]
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संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि कृषि की लगातार और स्थिर वृद्धि दर लगभग 5 प्रतिशत रहेगी, तथा अर्थव्यवस्था में समग्र जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) में इसकी हिस्सेदारी 20 फीसदी रहेगी, जिससे प्रति श्रमिक उत्पादन और प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ने के बावजूद अतिरिक्त श्रम को अवशोषित किया जा सकेगा। […]
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केंद्र सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं से संबंधित क्षमताओं में सुधार चाहती है। साथ ही उसने भारत के बुनियादी ढांचे के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के प्रति निजी क्षेत्र के उदासीन रवैये के बीच पीपीपी की स्वीकार्यता बढ़ाने की पैरवी की है। साल 2024-25 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘हमें बुनियादी ढांचे में […]
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मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आज कहा कि जब वैश्वीकरण से लाभ नहीं मिल रहा हो तो अर्थव्यवस्था की वृद्धि को गति देने के लिए भारत को घरेलू कारकों पर भरोसा करने की जरूरत है और इसके लिए विनियमों का बोझ कम करना होगा। आर्थिक समीक्षा 2024-25 पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते […]
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वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और संरक्षणवाद के बढ़ते जोर के बीच बजट से पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा में खास तौर पर राज्य स्तर पर विनियम का बोझ कम करके कारोबार को आसान बनाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का समझदारी के साथ उपयोग करने की बात […]
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आर्थिक समीक्षा में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) से बने उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र के लिए भारत की रणनीति नए सिरे से तैयार करने की वकालत की गई है। एमएमएफ के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 9.2 प्रतिशत है जो वैश्विक दिग्गजों जैसे वियतनाम, चीन और ताइवान से बहुत कम है। […]
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वैश्विक व्यापार गतिशीलता में आ रहे परिवर्तन के बीच संरक्षणवाद के साथ अनिश्चितता बढ़ने के कारण आर्थिक समीक्षा में भारत के लिए नई रणनीतिक व्यापार योजना बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हालात से निपटने के लिए भारत को प्रतिस्पर्धी बने रहना होगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में […]
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आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि संरक्षणवाद बढ़ने के कारण वैश्विक व्यापार की स्थिति बदलने के साथ ही अनिश्चितता बढ़ रही है। ऐसे में भारत को निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए लागत घटाकर और सुविधा में सुधार करके व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने की जरूरत होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हाल के […]
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भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले एक या दो दशक तक लगातार औसतन लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी। शुक्रवार को जारी आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह आकलन पेश किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘इस वृद्धि दर तक पहुंचने के लिए […]
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शहरों में रहन-सहन पहले के मुकाबले काफी महंगा हो गया है। अब औसत शहरी की कमाई का बड़ा हिस्सा घर के किराए में चला जाता है। घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार कुल उपभोग व्यय में किराए का हिस्सा 6.58 प्रतिशत हो गया है। सहस्राब्दी बदलने के बाद हुए सभी सर्वेक्षणों में घर किराए […]
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