सरकार की तरफ से आर्थिक रिकवरी को तेज करने के लिए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को प्रमुखता दिए जाने के बावजूद लगता है कि केंद्र 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय के लक्ष्य से चूक गया। लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों से पता चलता है कि आवंटित 6 लाख करोड़ रुपये में से […]
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भारत ने कृषि उत्पादों के आयात पर इंडोनेशिया के साथ विवाद समाप्त करने के लिए कूटनीतिक शक्ति का इस्तेमाल किया है और उसे उम्मीद है कि भारत से निर्यात जल्द शुरू हो जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय व अन्य सूत्रों कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारत के इंडोनेशिया स्थित राजदूत ने इंडोनेशिया एग्रीकल्चर क्वारंटाइन एजेंसी के […]
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वित्त वर्ष 2022 में भारत से कृषि उत्पादों का निर्यात बढक़र 50 अरब डॉलर रहने के उत्साह के बीच बासमती चावल का निर्यात कम हुआ है। कृषि उत्पादों के निर्यात में लंबे समय से चावल निर्यात की अग्रणी भूमिका रही है। वित्त वर्ष 22 में लगातार तीसरे साल मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का […]
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बीमा नियामक बीमा कारोबार में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे सकता है जिसका मकसद इस क्षेत्र के दायरे में विस्तार करना है। फिलहाल, बीमा कवर अंकन करने वाली कंपनियों में एफडीआई की ऊपरी सीमा 74 फीसदी है। ग्राहकों और बीमा कंपनियों को आपस में जोडऩे वाले दलाल और अन्य जैसे बीमा […]
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ऑनलाइन गेमिंग और इसमें दांव पर लगने वाली भारी रकम को देखते हुए सरकार के कान खड़े हो गए हैं। सरकार को अब इस बात का अंदेशा सताने लगा है कि ऑनलाइन गेमिंग का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने (धन शोधन) में और उससे कमाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम […]
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यूक्रेन संकट के बीच भारत रूस के साथ भुगतान प्रणाली पर किसी तरह का समझौता करने में संभवत: जल्दबाजी नहीं दिखाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम होने तक भारत रूस के साथ भुगतान प्रणाली पर समझौते की घोषणा से परहेज करेगा। यूक्रेन पर रूस […]
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कार्यक्रम के आरंभ के बाद से सात वर्षों में 34.4 करोड़ उधारकर्ताओं को करीब 18.60 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए। हालांकि, योजना के तहत ऋण की मंजूरी वित्त वर्ष 2021-22 में घटकर 4.86 करोड़ उधारकर्ताओं को 3.10 लाख करोड़ रुपये के साथ चार वर्ष के […]
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केंद्र सरकार ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह के अनपे सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है। इसमें अप्रत्यक्ष कर में शानदार बढ़ोतरी, अनुपालन संबंधी उठाए गए कदमों और महामारी की कई लहरों के बाद ज्यादातर सेक्टर में रिकवरी की अहम भूमिका रही है। देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त […]
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कोविड-19 से प्रभावित 2020-21 में भारत में खपत में असमानता घटकर पिछले 40 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इससे आश्चर्य हो सकता है, लेकिन प्राथमिक रूप से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण व कुछ अन्य वजहों से ऐसा हुआ है। हाल में प्रकाशित आईएमएफ के कार्य पत्र से यह जानकारी […]
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दो हफ्ते से ईंधन कीमतों में बार बार हो रहे इजाफे का छोटे और बड़े ट्रांसपोर्टरों के मार्जिन पर असर नजर आने लगा है और वे इस कीमत वृद्घि को बोझ अपने ग्राहकों पर डालने के लिए मजबूर हैं। ऐसा होने पर दैनिक उपभोग की वस्तुएं और अन्य सामानों की कीमत बढ़ेगी जिसका असर खपत […]
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