कोविड संबंधित बाधाओं के कारण वित्त वर्ष 2020-21 के लगातार दूसरे महीने में जीवन बीमा कंपनियों के नए बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। मई में जीवन बीमाकर्ताओं का एनबीपी 25.4 फीसदी संकुचित होकर 13,739 करोड़ रुपये रह गया जबकि इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 18,414 करोड़ रुपये रहा […]
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सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा बकाये के जल्द भुगतान के कई बार के आश्वासनों के बावजूद लंबित बकाया अभी आधिकारिक अनुमानों से बहुत ज्यादा बना हुआ है। पिछले महीने एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से तमाम […]
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श्रमिकों की अत्यंत कमी का सामना करने वाली भारतीय कंपनियां अपने संयंत्र/निर्माण स्थलों में मेहनतकश श्रमिकों को बीमा सुरक्षा दे रही हैं तथा आवास और स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम कर रही हैं ताकि ये श्रमिक कोरोना महामारी के प्रकोप में सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर सकें। उत्पादन फिर से पटरी पर लाने की […]
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भारत का कर और जीडीपी का अनुपात कोविड के पहले के साल में एक बार फिर गिरकर एक दशक के निचले स्तर 9.88 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इस गिरावट की प्रमुख वजह सीमा शुल्क व कॉर्पोरेशन कर संग्रह में कमी है, जबकि उत्पाद शुल्क में मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसके पहले के साल कर […]
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छोटे कारोबारी और स्टार्टअप खुद को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के तौर पर पंजीकृत कराने की होड़ में जुटे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश को सरकार की ओर से हाल में घोषित बहुचर्चित वित्तीय लाभों से कोई मदद नहीं मिलेगी। एमएसएमई पर एक राष्ट्रव्यापी रिपोर्ट के मुताबिक एमएसएमई पिछले साल से ही नकदी […]
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भारत में आर्थिक नीति की अनिश्चितता का पैमाना 81 महीनों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मई में कोविड-19 संकट के बीच सूचकांक जनवरी के 48.1 से 3.6 गुना बढ़कर 173.3 पर पहुंच गया। इससे पहले सूचकांक इतने उच्च स्तर पर अगस्त 2013 में पहुंची थी, जब देश तथाकथित टेपर टैंट्रम का सामना कर […]
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कोरोनावायरस से प्रभावित भारत में श्रम बाजार एक साल पहले की तुलना में और ज्यादा असुरक्षित हो गया है। आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। नियमित वेतन पर काम करने वाले कर्मचारियों की कमाई 2017-18 की तुलना […]
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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था में सुधार करने और कोविड-19 संकट के बीच असुरक्षित भागों को मदद देने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से इतर किसी भी नई योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। व्यय विभाग की ओर से जारी किए गए कार्यालय ज्ञापन से पता चलता है कि […]
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राज्यों के जीएसटी मुआवजे की चिंता बढ़ती ही जा रही है। अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार को मुआवजा उपकर के मद में महज 990 करोड़ रुपये मिले हैं, जो एक साल पहले एकत्र किए गए 8,874 करोड़ रुपये की तुलना में नवां हिस्सा ही है। लेखा महानियंत्रक की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी […]
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मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से आज कहा कि जिस तरह के हालात हैं, उनमें 2020-21 में केंद्र का राजकोषीय घाटा बजट लक्ष्य से 1.7 से 1.8 फीसदी अधिक रह सकता है। बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.5 फीसदी तक समेटने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने […]
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