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2018 के विस चुनावों के मुकाबले 2023 में 636 फीसदी बढ़ी जब्ती, 1,760 करोड़ के सामान हुए बरामद: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग के ये आंकड़े पांचों चुनावी राज्यों- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 9 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद के हैं।

Last Updated- November 20, 2023 | 10:32 PM IST

चुनाव आयोग ने सोमवार को बताया कि पांच चुनावी राज्यों में 1,760 करोड़ रुपये की नकदी, आभूषण, ड्रग, शराब और इसी तरह की अन्य सामग्री जब्त की गई है। यह जब्ती इन राज्यों में पिछले यानी 2018 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 636 फीसदी अधिक है। उस समय इन राज्यों में 239.15 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त हुई थी।

चुनाव आयोग ने जब्त की गई सामग्री का जो आंकड़ा दिया है, वह पांचों चुनावी राज्यों- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 9 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद का है। मिजोरम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मतदान हो चुका है, जबकि राजस्थान में 25 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।

तेलंगाना में चुनाव के दौरान मुफ्त बांटने के लिए लाई गई 659.2 करोड़ रुपये की सामग्री पकड़ी गई है। इसमें 191.02 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के आभूषण और अन्य कीमती धातुएं शामिल हैं, जो पांचों चुनावी राज्यों में इस तरह जब्त की गई 371.2 करोड़ रुपये की कीमती सामग्री से दोगुनी से भी अ​धिक है।

इसी तरह राजस्थान में 341.24 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की गई है, जो चुनाव आयोग की नजर में मुफ्त की रेवड़ी बताई गई है। यह राज्य में कुल जब्ती 650.7 करोड़ रुपये की आधी से अ​धिक है। इस मुफ्त की रेवड़ी का मतलब मतदाताओं को लुभाने के लिए दी जाने वाली सामग्री से है। इसमें अवैध तरीके से भंडारण कर रखा गया उर्वरक, पेट्रोल और डीजल भी शामिल है। इन राज्यों से एजेंसियों ने अवैध ह​थियार, गोला-बारूद और चुनाव में इस्तेमाल के लिए जोड़े गए वाहन भी जब्त किए हैं।

चुनावी जब्ती से इतर आयोग को अपने अ​भियान के दौरान मिजोरम में एक ओरंगुटन भी बरामद हुआ है। राज्य में विदेशी जानवर म्यांमार से तस्करी कर लाए जाते हैं।

चुनाव आयोग ने नवंबर 2022 के बाद से पांच राज्यों में आयोजित विधानसभा चुनाव के दौरान जब्त की गई सामग्री का आंकड़ा भी पेश किया है। इसके अनुसार हिमाचल प्रदेश और गुजरात में नवंबर-दिसंबर 2022 तथा त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में फरवरी-मार्च 2023 में ​विधानसभा चुनाव हुए थे। यहां चलाए गए निगरानी अ​भियान में 1,413.19 करोड़ रुपये की सामग्री बरामद की गई थी। इन राज्यों में जब्त की गई सामग्री भी पांच साल पहले के चुनावों के मुकाबले 1,009.12 फीसदी अ​धिक थी। उस समय आयोग ने मुफ्त बांटने के लिए लाया गया 127.41 करोड़ रुपये का सामान पकड़ा था।

संयोग से, इन राज्यों में पूरी जब्ती मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के कार्यकाल में ही की गई है। वर्ष 1984 बैच के आईएएस अ​धिकारी एवं पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव कुमार ने 15 मई, 2022 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पद संभाला था। कुमार 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए और उनका कार्यकाल 2025 तक है।

हालांकि चुनाव के दौरान मुफ्त बांटने के लिए लाई जाने वाली सामग्री की जब्ती के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते कुछ वर्षों से यह प्रचलन तेजी से बढ़ा है। उदाहरण के तौर पर चुनाव आयोग के बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, म​णिपुर, गोवा और पंजाब में जनवरी-फरवरी 2022 में आयोजित हुए चुनाव में बांटने के लिए लाई गई 1018.2 करोड़ की सामग्री जब्त की थी।

यह इन राज्यों में उससे पिछले यानी 2017 के चुनावों में जब्त 299.84 करोड़ रुपये की सामग्री से लगभग तीन गुना अ​धिक है। चुनाव आयोग इस जब्ती का आंकड़ा बढ़ने का श्रेय निगरानी के लिए अपनाई जाने वाली तकनीकी प्रक्रिया इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटर सिस्टम (ईएसएमएस) को देता है। इस सिस्टम के जरिये सभी केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियों के बीच तालमेल बनाने और सूचनाएं साझा करने में मदद मिलती है।

चुनाव आयोग ने कहा कि उसने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) एवं अन्य सेवाओं के 228 अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के तौर पर चुनावी राज्यों में तैनात किया था। उसने लगभग 194 विधानसभा सीटों को व्यय संवेदनशील सीटों के तौर पर चिह्नित किया। आयोग ने यह भी कहा कि चूंकि तेलंगाना और राजस्थान में अभी मतदान होना बाकी है, इसलिए जब्त होने वाली सामग्री का आंकड़ा बढ़ सकता है।

First Published - November 20, 2023 | 10:32 PM IST

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