गत सप्ताह लोकसभा ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 को पारित कर दिया। इस विधेयक में कई महत्त्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है जो भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) की स्वायत्तता को सीमित करेंगे और इस दिशा में सरकार की नीति को पलटेंगे। मौजूदा कानून के मुताबिक संचालन मंडल आईआईएम के निदेशक का चयन […]
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यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि सरकार को हमेशा सावधानीपूर्वक निर्णय लेने चाहिए। खासतौर पर तब जब ऐसे निर्णय बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित कर रहे हों और उनका दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव भी हो। परंतु अफसरशाही अक्सर ऐसे मामलों में चूक जाती है। व्यापक सार्वजनिक आलोचना और चिंताओं के बाद विदेश व्यापार महानिदेशालय […]
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फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने अमेरिकी डेट की रेटिंग कम करने का जो निर्णय लिया उसका मंगलवार को बाजार पर ज्यादा असर नहीं देखने को मिला। चूंकि वित्तीय बाजारों में संभवत: किसी को अमेरिकी सरकार की डेट से निपटने की क्षमता पर संदेह नहीं है, इसलिए रेटिंग संबंधी कदमों को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया हुई। उदाहरण […]
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आगामी 22 अगस्त को ब्रिक्स देशों यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शासनाध्यक्षों की मुलाकात होनी निर्धारित है। बहरहाल, इस बैठक से पहले ही कई अहम सवाल उभरने लगे हैं। इन सवालों का ताल्लुक इस समूह के विस्तार से है। जानकारी के मुताबिक चीन इसमें नए सदस्यों को शामिल करने को लेकर […]
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में अत्यंत मुखर ढंग से ‘भारत के जनमानस में गहराई से जड़ें जमाए लोकतांत्रिक मूल्यों’ के बारे में बात की थी। उनके इस बयान के करीब एक महीने के भीतर घटित हुई दो घटनाएं बताती हैं कि भारतीय राजनेताओं में इसके प्रभाव को लेकर कितनी कम समझ है। सात जुलाई […]
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सरकार ने बासमती तथा उसना चावल को छोड़कर हर प्रकार के चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का यह निर्णय राजनीतिक बाध्यताओं से प्रेरित है। ऐसा शायद इसलिए किया गया है ताकि कुछ अहम राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले […]
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मई माह में मणिपुर में कुकी जोमी महिलाओं पर भीड़ के हमले का जो परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है वह इस बात को रेखांकित करता है कि राज्य के संस्थान कानून व्यवस्था की दिक्कतों से तत्काल और निष्पक्ष तरीके से निपटने में विफल रहे हैं और उनकी यह नाकामी निंदनीय है। 19 जुलाई […]
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बीते कुछ सप्ताह में राष्ट्रीय बहस व्यापक रूप से इस बात पर केंद्रित रही है कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किस तरह राजनीतिक शक्तियां गोलबंदी कर रही हैं। गठबंधनों की व्यवहार्यता और उनके जीतने की संभावनाएं जहां अभी उभर ही रही हैं, वहीं इस बात पर चर्चा करना उचित होगा […]
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारत के बढ़ते महत्त्व को लेकर जो बातें हो रही हैं उनमें गलत मुद्दों को रेखांकित किया जा रहा है जबकि भारत के आर्थिक प्रबंधन में जो रेखांकन योग्य बदलाव आए हैं उनकी अनदेखी की जा रही है। भारत अब सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रह गया […]
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देश के सेमीकंडक्टर उद्योग को गति देने का सरकार का प्रयास सदिच्छा से भरा हुआ है लेकिन इस प्रक्रिया में करदाताओं के पैसे का ही नुकसान हो सकता है। सरकार ने इस दिशा में दो तरफा प्रयास किए हैं। पहला, उसने बनने वाले सेमीकंडक्टर की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए फाउंन्ड्रीज पर होने वाले […]
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