Editorial: वैश्विक झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ‘लिबरेशन डे’ को दूसरे विश्व युद्ध के बाद वैश्वीकरण को सबसे अधिक क्षति पहुंचाने वाला कदम कहा जाएगा। ट्रंप ने वादे के मुताबिक 2 अप्रैल को व्यापार में साझोदार सभी देशों पर जवाबी शुल्क लगा दिया। वास्तव में ये टैरिफ अधिकांश लोगों की सोच से अधिक नुकसान पहुंचाने वाले हैं। […]
Editorial: आईटी कंपनियों का भविष्य
बहुत लंबे समय से यह तर्क दिया जा रहा है कि तकनीकी बदलाव देश के सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा (आईटीईएस) क्षेत्र के पारंपरिक संचालन को चलन से बाहर कर देगा। अब यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से आरंभ हो चुकी है और इस क्षेत्र के संचालन के साथ-साथ देश के व्यापक सेवा निर्यात तथा रोजगार बाजार […]
Editorial: रिजर्व बैंक के समक्ष चुनौतियां
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी स्थापना के 90 वर्ष इस हफ्ते पूरे कर लिए। रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को द टाइम्स ऑफ इंडिया में अपने स्तंभ में बैंकिंग नियामक के कुछ काम बताए और यह भी बताया कि बैंक भविष्य की तैयारी कैसे करता है। देश के केंद्रीय बैंक के सफर […]
Editorial: कानूनों में बदलाव जरूरी
भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर के 18 वर्ष बाद आखिरकार एक राह निकलती नजर आई। 26 मार्च को अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने भारत को छोटे मॉड्युलर रिएक्टर (एसएमआर) की तकनीक सौंपने के लिए होल्टेक इंटरनैशनल को नियामकीय मंजूरी दे दी। इसके बाद भारतीय-अमेरिकी कृष पी सिंह द्वारा स्थापित होल्टेक […]
Editorial: बाहरी जोखिम
समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि सामान्य स्तर पर लौटती नजर आ रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि हासिल कर पाई है जबकि पिछले वर्ष यह 9.2 फीसदी थी। वित्त वर्ष 22 […]
Editorial: सांसदों को मिले समुचित वेतन
पांच साल बाद आखिरकार सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की मंजूरी मिल ही गई है। इस बढ़ोतरी के बाद उनका मूल वेतन 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है और 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी माना जा रहा है। सांसदों को मिलने वाले तमाम भत्ते भी जोड़ दें तो रकम […]
Editorial: उद्यमों को मिले नीतिगत समर्थन
सू क्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं उनके अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई के सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) की हिस्सेदारी वर्ष 2022-23 में बढ़कर 30.1 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2020-21 में 27.3 प्रतिशत दर्ज हुई थी। एमएसएमई क्षेत्र से […]
Editorial: प्रदूषण नियंत्रण कोष का इस्तेमाल
भारत में वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण की गंभीर स्थिति लगातार पिछले कई वर्षों से वैश्विक सुर्खियों में रही है। इस कटु सत्य के बीच एक संसदीय समिति की रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिए प्रदूषण नियंत्रण कोष के लिए […]
Editorial: सेबी के कदम स्वागत योग्य
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए अध्यक्ष तुहित कांत पांडेय की अध्यक्षता में इसकी पहली बोर्ड बैठक में कुछ अहम कदम उठाए गए हैं। सोमवार की इस बैठक में सेबी बोर्ड के सदस्यों तथा अधिकारियों के हितों के टकराव से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा शुरू करने का औपचारिक फैसला लिया है। यह पहल […]
Editorial: जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चिंता
भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन में प्रकाशित एक अध्ययन में एक गंभीर चिंता जताई गई है, जो देश में वर्षा के वितरण में तेजी से आ रहे बदलाव और खाद्यान्न फसलों पर इसके असर से जुड़ी है। अध्ययन कहता है कि भारतीय कृषि अब भी काफी हद तक मॉनसून पर निर्भर है। आधुनिक सिंचाई […]









