Editorial: ट्रंप के कदम और मंदी का जोखिम
इस वर्ष जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से नीतियां चुनने के मामले में डॉनल्ड ट्रंप इतना आगे-पीछे हुए हैं कि बाजार भ्रम में पड़ गया है। अमेरिका के कुछ सबसे करीबी व्यापार साझेदारों पर शुल्क लगाया गया और फिर या तो हटा दिया गया या टाल दिया गया। कुछ लोगों […]
Editorial: प्रकटीकरण और नियमन
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने गत सप्ताह पद संभालने के बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति में कुछ उत्साहवर्धक टिप्पणियां की हैं। बाजार में पारदर्शिता पर जोर देते हुए पांडेय ने कहा कि यह नियामक पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि नियामक को विभिन्न मोर्चों पर पारदर्शी […]
Editorial: एक अन्य व्यापारिक बाधा
भारत या दुनिया भर में व्यापार के बारे में होने वाली चर्चा टैरिफ यानी शुल्कों पर ही केंद्रित रहती है। भारत ने लगातार टैरिफ में इजाफा करने के बाद हाल के महीनों में और केंद्रीय बजट में भी यह संकेत दिया है कि आयात शुल्क में कमी की जाएगी। इस नीतिगत बदलाव के बारे में […]
Editorial: निजी निवेश पर उलझन
महामारी से उथलपुथल मचने के बाद केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ा दिया है। निवेश ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांग बढ़ाने का काम बखूबी किया मगर यह भी माना गया था कि कभी न कभी निजी क्षेत्र निवेश का जिम्मा अपने हाथ में लेगा और वृद्धि बरकरार रहेगी। केंद्र सरकार का […]
Editorial: बढ़ेगी कारोबारी जंग
अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी पर दोबारा बैठने के बाद जब डॉनल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को पहली बार संबोधित किया तो उनकी भाषा प्रचार भाषणों या उसी जगह छह हफ्ते पहले दिए गए उद्घाटन भाषण से अलग नहीं थी। जब वह बोलने के लिए मंच पर खड़े हुए तब उनकी छेड़ी कारोबारी […]
Editorial: अमेरिकी क्रिप्टो भंडार की गुत्थी
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जब से घोषणा की है कि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी का अहम भंडार तैयार करेगा तभी से क्रिप्टो बाजार दौड़ने लगा है। इससे व्यापक आर्थिक हलकों में उलझन और चिंता पसर गई है। ट्रंप का कहना है कि इस भंडार में पांच अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन, इथिरियम, रिपल, सॉल और एडा रहेंगी। भारत […]
Editorial:पारदर्शिता में हो इजाफा
भारत जैसे संघीय ढांचे और विकेंद्रीकृत व्यवस्था वाले विशाल देश में सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों को किफायती और प्रभावी ढंग से खर्च किया जाना जरूरी है। अगर किसी योजना के लिए आवंटित रकम खर्च नहीं होती है तो उसे दूसरे उद्देश्यों में खर्च किया जा सकता है ताकि बेहतर आर्थिक परिणाम मिल सकें। भारत सरकार ने […]
Editorial: नया द्विपक्षीय दौर
गत सप्ताह बिज़नेस स्टैंडर्ड के आयोजन ‘मंथन’ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने द्विपक्षीय वार्ताओं और समझौतों के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीयता ‘एक तरह से समाप्त’ हो गई है। उन्होंने दलील दी कि ऐसी स्थिति में भारत को व्यापार, निवेश और रणनीतिक रिश्तों में ऐसे द्विपक्षीय समझौतों पर जोर […]
Editorial: भारतीय IT उद्योग में AI की दस्तक: बदलाव की आहट या चुनौती?
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2025 में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के नतीजे और उनके प्रबंधन से मिले आगे के अनुमान बताते हैं कि इस उद्योग के कारोबारी मॉडल में आमूलचूल बदलाव हो सकता है। हाल ही में आयोजित नैस्कॉम टेक्नोलॉजी ऐंड लीडरशिप फोरम में जुटी उद्योग की अग्रणी शख्सियतों की बातों […]
Editorial: लालफीताशाही से निजात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विनियमन आयोग’ का गठन करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। इसका उद्देश्य मौजूदा नियमों मे कटौती करना और नए निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है। पुराने नियमन को हटाने की बात कुछ सप्ताह पहले संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा और केंद्रीय बजट में भी […]









