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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: व्यापार से जुड़ी अनिश्चितता

डॉनल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने दो महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं मगर अभी तक खुद अमेरिकी जनता और तमाम देश नहीं समझ पाए हैं कि ट्रंप की नीतियों के नतीजे क्या होंगे। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार जो आर्थिक अनुमान जारी किए […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: महामारी के सबक

पांच साल पहले 24 मार्च को ही केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया था। नए कोरोनावायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था। उसके बाद के दो साल की यादें सार्वजनिक चर्चा से शायद धूमिल हो चुकी हैं। किंतु दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इस […]

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Editorial: विश्वास का कारोबार

बीते एक पखवाड़े में जो कुछ इंडसइंड बैंक में घटित हुआ उसने आंतरिक प्रबंधन और नियामकीय निगरानी से जुड़े कई सवाल खड़े किए हैं। पहला, बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी और सीईओ) सुमंत कठपालिया को केवल एक साल के लिए दोबारा […]

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Editorial: भ्रामक युद्ध विराम

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमला 30 दिन के लिए टाल दिया है, जिसकी सराहना होनी चाहिए क्योंकि तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में यह पहला कदम है। मगर यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों खास तौर पर बाल्टिक क्षेत्र और पूर्वी यूरोप के देशों […]

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Editorial: ‘ग्राहक प्रथम’ पर हो बैंकों का जोर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि बैंकों तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) जैसी विनियमित संस्थाओं को ग्राहक सेवा में सुधार करना होगा। यह बात उन्होंने रिजर्व बैंक लोकपाल के सालाना सम्मेलन में सोमवार को कही, जो ठीक ही है। रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना के तहत शिकायतों की […]

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Editorial: दुरुस्त हो सूर्य घर बिजली योजना

भारत में सौर ऊर्जा के अपेक्षाकृत कम उत्पादन और ताप बिजली पर अधिक निर्भरता देखकर पिछले वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया गया। इसे बड़ी क्रांतिकारी योजना माना गया था। मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों में सौर ऊर्जा आपूर्ति शुरू करने के मकसद वाली इस योजना के तहत […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सैटकॉम नीति की जरूरत

देश की दो शीर्ष दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने चौंकाने वाली घोषणाओं में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी स्पेसएक्स से समझौता किया है। स्पेसएक्स में उसके सह-संस्थापक ईलॉन मस्क के पास बहुलांश हिस्सेदारी है। इन साझेदारियों के बाद स्पेसएक्स के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: महंगाई साधेगा खाद्यान्न उत्पादन

लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर रहने के बाद देश में खाद्य मुद्रास्फीति काफी नीचे आई है और ऐसा बेहतर कृषि उत्पादन की बदौलत हो सका है। बुधवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई की दर फरवरी में घटकर केवल 3.61 फीसदी रह गई है। पिछले साल […]

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Editorial: डॉट कॉम बुलबुले के सबक

ठीक 25 साल पहले मार्च 2000 में दुनिया भर के शेयर बाजार नई बुलंदी पर पहुंच गए और उसके बाद तेज गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ, जो तीन साल तक चलता रहा। बाजार के दौड़ने की वजह इंटरनेट अर्थव्यवस्था से ऊंची उम्मीदें थीं, जिन्हें डॉटकॉम बूम कहा जा रहा था। मगर निवेशकों को जल्द ही […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial:एमएसपी में जकड़ी प्रतिस्पर्द्धा

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देश की कृषि नीति का अनिवार्य अंग रहा है। इसके पीछे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा किसानों को कीमतों के जोखिम से बचाने जैसे नेक इरादे रहे हैं। लेकिन इसके कुछ अनचाहे परिणाम भी हैं जैसे फसलों की विविधता कम होना और देश के कुछ हिस्सों में पर्यावरण को नुकसान शामिल […]

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