जिंदगीनामा: कार्यस्थल पर महिलाओं को समान अवसर नहीं
इस महीने की दो घटनाओं ने कार्यस्थल पर महिलाओं की संख्या बढ़ाने के जटिल मुद्दे से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार द्वारा कथित रूप से भेदभावपूर्ण भर्ती वाली प्रक्रिया की ओर ध्यान दिलाए जाने के बाद राज्य श्रम विभाग की टीम ने ऐपल के आईफोन […]
विनिवेश लक्ष्य पर भारी पड़ता नीतिगत बदलाव
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय दोबारा संभालने के बाद अपने शुरुआती सार्वजनिक वक्तव्यों में से एक में मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खासतौर पर कहा कि तेल विपणन क्षेत्र की बड़ी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड अथवा बीपीसीएल को बेचने की योजना पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बीपीसीएल एक अत्यंत सफल […]
जिंदगीनामा: बिजली, सड़क और पानी की वापसी
आम चुनाव शुरू होने के पहले देश की सबसे प्रसिद्ध हाई-टेक मिलेनियम सिटी के रहवासी कल्याण संघों (RWA) में भी तीखी बहस छिड़ गई। ये वे इलाके हैं जो सबसे कम तकनीकी गुणवत्ता वाली नागरिक अधोसंरचना पर किसी तरह प्रबंधन कर रहे हैं। तर्क यह है कि गुरुग्राम की निरंतर खस्ता होती हालत को देखते […]
जिंदगीनामा: जलवायु परिवर्तन पर न्यायिक सक्रियता
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हाल में तापमान 38 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो गया जिससे यह चेतावनी मिल रही है कि इस साल अच्छी गर्मियां पड़ने वाली हैं। ऐसे में दो न्यायिक फैसले जलवायु परिवर्तन को लेकर नया दृष्टिकोण देते हैं। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने 21 मार्च के एक आदेश का विस्तृत निर्णय अपलोड कर […]
जिंदगीनामा: महिला अधिकार दलों के लिए महज एक दांव
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस साल का ऐसा वक्त होता है जब पत्रकारों के इनबॉक्स ‘महिलाओं को सशक्त बनाने’ के लिए कंपनी जगत की किसी पहल को कवर करने के अनुरोध से भर जाते हैं। इस तरह की कुछ थोड़ी अलग पहलों का प्रभाव काफी अच्छा होता है लेकिन इनमें से कुछ प्रयास तब निरर्थक लगने लगते […]
जिंदगीनामा: श्रमिकों की भर्ती का ठेकेदार नहीं बने सरकार
बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के साथ युद्ध छिड़ने के बाद इजरायल में पर्यटकों की संख्या बहुत तेजी से गिरी। जिस देश में हर माह औसतन तीन लाख से अधिक पर्यटक आते थे, वहां युद्ध शुरू होने के अगले ही महीने यानी नवंबर में यह संख्या केवल 39,000 पर आ गई। इसका सबसे प्रमुख […]
PLI और Apple का बढ़ता आकार, FY2023 में कंपनी का निर्यात पांच गुना बढ़ा
भारत में ऐपल इंक उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की कामयाबी का प्रतीक बन गई है। कंपनी की उपलब्धियां प्रभावशाली हैं। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का निर्यात पांच गुना बढ़कर पांच अरब डॉलर हो गया, यानी भारत से होने वाले कुल स्मार्ट फोन निर्यात का करीब 80 फीसदी। […]
अंधाधुंध विकास के नाम पर हो रही बरबादी
पिछले दो दशकों में बेहतर सड़कों और हवाई संपर्क में सुधार के साथ-साथ मध्यम वर्ग की संपन्नता बढ़ने से भारत के घरेलू पर्यटन क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव दिख रहा है। अब कई स्मारकों और पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों से ज्यादा घरेलू पर्यटक देखे जा रहे हैं। वैसे यह रुझान कोरोना से पहले […]
जिंदगीनामा: मानव संसाधन को स्थिर रखने का संघर्ष
ऐसे दौर में जब लोग एक नौकरी में कम समय तक टिक रहे हों और तेजी से नौकरी बदलने का रुझान बढ़ रहा हो, वैसे में शीर्ष स्तर की पेशेवर, प्रबंधकीय नौकरियों में प्रतिभाशाली लोगों को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इन दिनों एक से अधिक कंपनी में अंशकालिक स्तर पर काम करने की […]
जिंदगीनामा: तबाही की फसल…..चुनाव की खातिर मुफ्त बिजली और पानी!
चुनाव की खातिर मुफ्त उपहारों और सब्सिडी (Freebies) तथा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खेतों में आग लगाए जाने की घटनाओं के बीच कोई रिश्ता एकदम नहीं नजर आता है लेकिन यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की नाकामी ही है कि किसानों को नि:शुल्क बिजली-पानी, रियायती दर पर उर्वरक और तयशुदा खरीद मूल्य […]









